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केंद्रों में 26594 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद, सीधी अदायगी को लेकर किसानों में उत्साह

जिले में गेहूं की खरीद का काम तेज हो गया है। चार दिनों के भीतर 26594 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 10:29 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 10:29 PM (IST)
केंद्रों में 26594 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद, सीधी अदायगी को लेकर किसानों में उत्साह
केंद्रों में 26594 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद, सीधी अदायगी को लेकर किसानों में उत्साह

जागरण संवाददाता, जालंधर

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जिले में गेहूं की खरीद का काम तेज हो गया है। चार दिनों के भीतर जिले के कुल 78 खरीद केंद्रों से 26594 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का काम पूरा किया जा चुका है। मंडियों में जगह ब्लाक न हो इसके लिए साथ ही लिफ्टिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है।

डीसी घनश्याम थोरी बताते हैं कि मंडियों में खरीद के दौरान बारदाने की कमी पेश नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए सभी खरीद एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने कहा कि अभी तक जिले की मंडियों में कुल 28007 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हुई है, जिसमें से विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा 26594 मीट्रिक टन की खरीद का काम पूरा कर लिया गया है। जिसे बोरियों में भरा जा रहा है। जिले की मंडियों में पहली बार चौथे दिन ही लिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। डीएफएससी नरेंद्र सिंह बताते हैं कि मंडियों में कोविड-19 को लेकर जारी निर्देशों को सख्ती के साथ लागू करवाने के लिए स्थान का खास ध्यान रखा जा रहा है। निर्धारित दायरे में रहकर ही फसल की खरीद की जाए, इसके लिए गेहूं की लिफ्टिंग भी साथ-साथ की जा रही है। पांच एजेंसियां कर रहीं खरीद

जिले में खरीद का काम पूरा करने के लिए पांच एजेंसियां खरीद कर रही है। इसमें पनग्रेन ने 6590 मीट्रिक टन, मार्केफेड ने 7263 मीट्रिक टन, पनसप ने 6945 मीट्रिक टन, पंजाब स्टेट वेयर हाउस निगम ने 4956 मीट्रिक टन व एफसीआइ ने 840 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। मंडियों में अलाट किए कंडे

खरीद एजेंसियों द्वारा जिले की मंडियों में गेहूं का वजन करने के लिए कंडे अलाट किए गए हैं। इसमें किसानों के सामने लेबर द्वारा मंडी के शैड के तले ही गेहूं का वजन करके बोरियों में भरा जा रहा है। सीधी अदायगी को लेकर किसानों में उत्साह

जिले में गेहूं की अदायगी सीधे खाते में करने को लेकर किसानों में उत्साह है। मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसान अवतार सिंह बताते हैं कि कैश पैसे लेकर मंडी से गांव जाना खतरे से खाली नहीं होता। फसल के पैसे सीधे बैंक खाते में आने से किसी तरह का खतरा नहीं रहेगा। इसी तरह किसान अमरपाल सिंह बताते हैं कि पैसे खाते में आने से उन्हें दोहरा लाभ मिलेगा। एक तो उन्हें फसल के पूरे पैसे मिल जाएंगे, दूसरा किसी भी रूप से बिचौलिए की भूमिका नहीं रहेगी।


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