एनआरआइ सहयोग करे तो बदल सकती है देश की तस्वीर : वैद्य
जागरण संवाददाता, जालंधर : एनआरआइज अगर सहयोग करे तो देश में शिक्षा, चिकित्सा और बुनियादी विकास की तस्
जागरण संवाददाता, जालंधर : एनआरआइज अगर सहयोग करे तो देश में शिक्षा, चिकित्सा और बुनियादी विकास की तस्वीर बदल सकती है। विदेश गए भारतीय विश्व स्तर पर अग्रणीय संस्थानों व संगठनों में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विश्व विभाग के सह संयोजक डॉ. राम वैद्य ने कहीं। वे सर्वहितकारी शिक्षा समिति पंजाब की ओर से मंगलवार को विद्या धाम में आयोजित दूसरे एनआरआइ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन में विभिन्न देशों से लगभग 100 प्रवासियों ने हिस्सा लिया। बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल ¨सह ने शिरकत की। डॉ. राम वैद्य ने कहा कि भारतीय सभ्यता के प्रचार प्रसार में प्रवासी बंधुओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विद्या भारती के राष्ट्रीय शिव कुमार ने कहा कि विद्या भारती दुनिया का पहला ऐसा गैर सरकारी संगठन है, जिसने बिना किसी सरकारी सहयोग के देश के सुदूरवर्ती सीमा क्षेत्रों, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगाया है। विद्या भारती के अंतर्गत देश भर में 13465 विद्यालय हैं, जिनमें 31 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। यहां की शिक्षा का मुख्य उद्देश्य भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति व जीवन आदर्शो के प्रति प्रतिबद्ध करना और राष्ट्र के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि अगर एनआरआइज बंधुओं की कड़ी मेहनत और सूझबूझ से कमाई हुई अपार शक्ति का सहयोग मिले तो शिक्षा, चिकित्सा और बुनियादी विकास में अच्छे परिणाम ला सकती है। विद्या भारती के प्रांत महासचिव अशोक बब्बर ने कहा कि पंजाब की 300 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है व अति संवेदनशील और पिछड़ा क्षेत्र है। वहां के लोगों को समुचित रूप से बुनियादी शिक्षा प्राप्त नहीं होती है। ऐसे क्षेत्रों में विद्या भारती बड़े स्तर पर समाज के साथ जुड़कर संस्कार आधारित शिक्षा व्यवस्था कार्य के प्रसार में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि हम आधुनिक शिक्षा प्रणाली को एडाप्ट करने के साथ-साथ मानवीय जीवन शैली व उसके मूल्यों का ज्ञान प्रदान करने वाली वैदिक शिक्षा से बच्चों को संस्कारवान बनाते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रवादी विचारों का विद्यालय खोलना और नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करना मुख्य ध्येय है। इस अवसर पर सह संगठन मंत्री उत्तर क्षेत्र विद्या भारती विजय नड्डा, उत्तर क्षेत्रीय अध्यक्ष अशोक पाल, विश्व संवाद केंद्र पंजाब के प्रभारी रामगोपाल, देशराज शर्मा (पूर्व संयोजक एनआरआइ सम्मेलन-2017), प्रताप ¨सह गिल प्रधान एनआरआइ सभा नवांशहर, पूर्व एससी मोर्चा चेयरमैन राजेश वाघा, आरएसएस के प्रांत प्रचारक प्रमोद, संयोजक हनी संगर आदि मौजूद थे। गौर हो कि सर्वहितकारी शिक्षा समिति विद्या भारती का ही हिस्सा है।
बच्चों को फील्ड की शिक्षा देनी चाहिए : डॉ. सत्यपॉल ¨सह
डॉ. सत्यपॉल ¨सह ने कहा कि देश में बढ़ती हुई आत्महत्याओं की घटनाएं गंभीर ¨चतन का विषय हैं। ऐसे में जरूरत है ऐसी शिक्षा व्यवस्था की, जिसमें मानवीय मूल्यों का सही ज्ञान हो सके। इसके साथ ही अपने परिवार, समाज व राष्ट्र के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक बना सके। बीते 70 वर्षो से चली आ रही मैकाले की शिक्षा प्रणाली के चलते आज देश की वैदिक पुरातन संस्कृति को बचाने की नितांत आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को लेकर विद्या भारती का प्रयास सराहनीय है। आज वही व्यक्ति, समाज में अपना परचम लहरा सकता है जो शिक्षित हो, स्वस्थ हो और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के अलावा शक्तिशाली हो। आधुनिक ज्ञान को प्राप्त करने के लिए देशी-विदेशी तर्को में नहीं पड़ना चाहिए। बल्कि उसे अपने अनुकूल कैसे बनाया जाए इस पर ध्यान देना चाहिए। शिक्षा सभी बीमारियों व समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक है। हेल्दी रहने के लिए शिक्षित रहना जरूरी है, बीमारी से बचना है तो दवाइयों से बचो। उन्होंने कहा स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को पॉजीटिव सोच रखनी चाहिए।