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मेरिटोरियस स्कूलों में 12वीं की नहीं हो रही काउंसलिग, विद्यार्थी बोले-हमारा क्या कसूर

अंकित शर्मा जालंधर मेरिटोरियस स्कूलों में दाखिले के लिए तीन अक्टूबर को 11वीं और 12वीं के नतीजे जारी किए गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 06:23 PM (IST)
मेरिटोरियस स्कूलों में 12वीं की नहीं हो रही काउंसलिग, विद्यार्थी बोले-हमारा क्या कसूर
मेरिटोरियस स्कूलों में 12वीं की नहीं हो रही काउंसलिग, विद्यार्थी बोले-हमारा क्या कसूर

अंकित शर्मा, जालंधर

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मेरिटोरियस स्कूलों में दाखिले के लिए तीन अक्टूबर को 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एंट्रेंस टेस्ट लिया गया जिसका 52 दिन बाद नतीजा जारी किया गया। पर सिर्फ दाखिले में 11वीं वालों को ही काउंसलिग के लिये आमंत्रित किया गया। अब विभाग की इस नाइंसाफी के खिलाफ विद्यार्थी आवाज उठा रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि उनका क्या कसूर है, जो उनकी काउंसलिग नहीं करवाई गई। उनका कहना है कि भले आधे से ज्यादा सेशन बीत चुकी है, मगर वे अभी भी पढ़ाई करके अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं। उन्होंने एंट्रेंस टेस्ट भी तो क्लियर किया है और आगे भी मेहनत कर अच्छे अंक लाएंगे। जेईई और नीट की परीक्षाएं भी होनी हैं। दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री परगट सिंह इस मामले को लेकर अभी कुछ भी नहीं कह रहे हैं, जबकि यह मामला नके ध्यान में भी है और स्कूलों के शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावक भी उनके पास मामला उठा चुके है।

-------------------- भविष्य से खिलवाड़ न करें

गुरप्रीत कौर ने कहा कि मेरिटोरियस स्कूलों में पढ़ाई का लेवल बहुत ऊंचा है। वहां उन्हें केवल पढ़ाई ही नहीं जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी मुफ्त मिलती है। अगर पैसे होते तो वे अपने-अपने स्कूलों में रहते हुए बाहर से कोचिग ले लेते। सरकार उनके दाखिले को लेकर भी सोचे क्योंकि वे लंबे समय से नतीजे का इंतजार करते रहे हैं।

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दो साल से सिर्फ मेरिटोरियस स्कूल बंद है

छात्रा रमनदीप कौर का कहना है कि दो साल हो गए मेरिटोरियस स्कूलों को बंद हुए। तीन अक्टूबर को एंट्रेंस टेस्ट लिया था और उसके 52 दिन बाद परीक्षा का नतीजा जारी किया। टेस्ट क्लियर भी किया, मगर काउंसलिग का शेड्यूल 12वीं के लिए नहीं जारी किया। जब कारण पूछते हैं तो कम विद्यार्थियों के टेस्ट क्लियर करने की बात कही जा रही हैं। उसके जैसे कई विद्यार्थियों ने टेस्ट क्लियर किया है तो उनका क्या है कसूर।

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सात महीने से सेशन शुरू नहीं किया गया

टेस्ट क्लियर करने वाली छात्रा मनप्रीत का कहना है कि सेशन शुरू हुए लगभग सात महीने हो चुके है, अभी बेहद कम समय बचा है। इसके बावजूद वे अपनी 12वीं में अच्छी परफार्मेंस दिखा सकते हैं। सरकार उनके साथ नाइंसाफी न करे। जितने भी विद्यार्थियों ने टेस्ट क्लियर किया है उन्हें दाखिल तो करवायें। ..पता होता तो पहले ही टेस्ट न देती

टेस्ट क्लियर करने वाली मेडिकल की छात्रा नवजोत कौर का कहना है कि वो डाक्टर बनना चाहती है। इसके लिए वो नीट की परीक्षा क्रैक करना चाहता है। घर के हालात ठीक न होने के कारण व कोचिग के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं कर सकते। मेरिटोरियस स्कूल में कोचिग निश्शुल्क दी जाती है। यही कारण है कि उसने एंट्रेस टेस्ट दिया और उसे क्लियर भी किया।


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