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10 से गेहूं खरीद शुरू, पेमेंट का पोर्टल पांच दिन से बंद

प्रशासन की तरफ से डीसी ने मीटिग कर सरकार के आदेशों के अनुसार 10 अप्रैल से गेहूं की खरीद की घोषणा की थी। लेकिन जिले के कंडी इलाके में गेहूं की कटाई देरी से शुरू होती है इसलिए अभी गेहूं की मंडियों में आने की रफ्तार काफी कम है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 07:00 AM (IST)
10 से गेहूं खरीद शुरू, पेमेंट का पोर्टल पांच दिन से बंद
10 से गेहूं खरीद शुरू, पेमेंट का पोर्टल पांच दिन से बंद

नीरज शर्मा, होशियारपुर

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प्रशासन की तरफ से डीसी ने मीटिग कर सरकार के आदेशों के अनुसार 10 अप्रैल से गेहूं की खरीद की घोषणा की थी। लेकिन, जिले के कंडी इलाके में गेहूं की कटाई देरी से शुरू होती है इसलिए अभी गेहूं की मंडियों में आने की रफ्तार काफी कम है। अभी जो किसान मंडियों में पहुंच भी रहे हैं वह परेशान हैं, क्योंकि सरकार के झूठे दावे सुविधा पर सवाल उठा रहे हैं। वैसे तो हर साल किसान मूलभूत जरूरतों के लिए परेशान होता ही है या यूं कहें कि इन दिक्कतों का वह अब आदी बन चुका है। इस बार समस्या सरकार की ओर से किसानों के खाते में सीधी पेमेंट डालने की है। अभी तक सरकार का पेमेंट का पोर्टल ही अपडेट नहीं है जिससे यह सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा। हालात यह हैं कि पोर्टल में कई एजेंसियां रजिस्टर ही नहीं हुई। इसके चलते उधारी में गेहूं बिक रहा है। किसान केवल इसी आस में गेहूं मंडी में छोड़कर चले गए कि खातों में सीधी पेमेंट आएगी, पर कब आएगी यह पता नहीं है। खरीद शुरू होने के पांच दिन बीतने के बाद भी पेमेंट वाला पोर्टल बंद है। किसान आ रहे हैं और गेहूं आढ़तियों के पास उतार कर लौट रहे है। वहीं मंडी में हताश कुछ किसानों ने कहा कि सरकार 24 घंटे की बात करती है कि पैसे आ जाएंगे। लेकिन हम कहते हैं कि 24 घंटे की जगह पांच दिन और ले लो पर पैसे दे दो। सीधी पेमेंट में यह बात साफ है कि यदि कोई गलती हुई तो परेशान फिर किसान को होना होगा। क्योंकि, मेहनत की कमाई तो किसान की ही है। परेशानी किसानों की जुबानी

मंडी में सुबह नौ बजे गेहूं लेकर आया था परंतु अभी तक फ्री नहीं हुआ। पहले बोली देरी से लगी और अब कहा जा रहा है पेमेंट एकदम नहीं हो पाएगी। कहते हैं अभी पेमेंट वाला सिस्टम शुरू नहीं हुआ। जैसे ही अपडेट होगी वैसे ही पैसे खातों में आ जाएंगे, कब मिलेंगे यह नहीं बताया जा रहा।

-सुरिदर कुमार, अहिराना कलां सुबह करीब 10 बजे आया था, लेकिन अभी तक बोली नहीं लगी। कहते हैं कि स्टाफ किसी दूसरी मंडी में गया है। यह भी कह रहे हैं कि गेहूं की पेंमेंट मौके पर नहीं होगी, अभी सिस्टम नहीं चल रहा। पहले सिस्टम अपडेट होगा, फिर बिल बनने के बाद पैसे मिलेंगे।

-हरप्रीत सिंह, चक्क गुज्जरां यहां पर कहते हैं कि पेमेंट अभी नहीं होगी, पर सरकार के नुमाइंदे कहते थे कि 24 घंटे के भीतर पैसे मिलेंगे। अभी तक पोर्टल नहीं चला। कोई कुछ बता नहीं रहा। फंसे हुए हैं, जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है। 24 या 72 घंटे नहीं, हफ्ते के बाद ही पेमेंट दे दो। हर बार दावे हवा होते हैं, मंडियों में आते-आते बूढ़ा हो चुका हूं। हर साल कोई न कोई नया ड्रामा होता है।

-रजिदंर सिंह, हरमोए हम सुबह से आए हैं। पहले पेमेंट का सीधा फंडा था। गेहूं लाओ, बोली के साथ ही पेमेंट हो जाती थी पर इस बार सब कुछ उल्टा कर दिया। पांच दिन में किसी को पैसे नहीं मिले। कहते हैं नया सिस्टम है बढि़या है पर बढि़या तो तब हो जब कोई परेशानी न हो। पांच दिन से लोग परेशान हो रहे हैं, फिर यह सिस्टम बढि़या कैसे हुआ।

-कश्मीर सिंह, दुखभंजन सिंह, हालटा


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