शहीदों की बदौलत खुली हवा में सांस ले रहे हम : प्रिं. दिनकर
शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर दातारपुर के वसिष्ठ भारती इंटरनेशनल स्कूल में उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर दातारपुर के वसिष्ठ भारती इंटरनेशनल स्कूल में उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की। प्रिसिपल दिनकर पराशर ने कहा कि उधम सिंह 13 अप्रैल 1919 को घटित जलियांवाला बाग नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे। इस घटना से वीर उधम सिंह तिलमिला गए और उन्होंने जलियांवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर माइकल ओ डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली। उधम सिंह को अपने सैकड़ों भाई-बहनों की मौत का बदला लेने का मौका 1940 में मिला। जलियांवाला बाग हत्याकांड के 21 साल बाद 13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हाल में बैठक थी। जहां माइकल ओ डायर भी वक्ताओं में से एक था। उधम सिंह उस दिन समय पर ही बैठक स्थल पर पहुंच गए। बैठक के बाद दीवार के पीछे से मोर्चा संभालते हुए उधम सिंह ने माइकल ओ डायर पर गोलियां दाग दीं। दो गोलियां माइकल ओ डायर को लगीं, जिससे उसकी तत्काल मौत हो गई। उधम सिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी। उनपर मुकदमा चला। चार जून 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई। इस अवसर पर शहीद को नमन किया गया। यहां विवेक भारती, सुरेश सिंह, विनोद कुमार ठाकुर, अनु शमा कनिका, मंजु ठाकुर व सुनयना ठाकुर मौजूद थे।