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जल सप्लाई ठेका मुलाजिमों ने वेतन नहीं मिलने पर जताया रोष

जल सप्लाई ठेका कर्मचारियों में दो महीने से वेतन नहीं मिलने पर रोष पाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 06:30 AM (IST)
जल सप्लाई ठेका मुलाजिमों ने वेतन नहीं मिलने पर जताया रोष
जल सप्लाई ठेका मुलाजिमों ने वेतन नहीं मिलने पर जताया रोष

संवाद सहयोगी, गढ़दीवाला : जल सप्लाई ठेका कर्मचारियों में दो महीने से वेतन नहीं मिलने पर रोष पाया जा रहा है। इस संबंधी जल सप्लाई एवं सैनिटेशन वर्कर यूनियन के जिला प्रधान दर्शवीर सिंह राणा ने बताया कि विभाग में लंबे समय से सेवाएं निभा रहे ठेका कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा। महामारी में दिन रात कम वेतन पर सेवाएं निभा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद इतनी महंगाई में वेतन नहीं मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा सात तारीख को वेतन देने का पत्र भी जारी किया है लेकिन उच्च अधिकारियों के कानों तले जूं तक नहीं सरक रही। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विभाग ने जल्द ही मुलाजिमों का वेतन जारी नहीं किया, तो आने वाले दिन में वर्कर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। इस अवसर पर यूनियन के जिला जनरल सचिव कुलदीप सिंह राणा, जिला वाइस प्रधान संदीप कुमार ठाकुर व कुलविदर सिंह हाजिर थे।

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कार्यकताओं ने रशपाल को बसपा से निकालने का किया विरोध

संवाद सहयोगी, गढ़शंकर : बसपा के पूर्व प्रधान रशपाल राजू को कांग्रेस के पूर्व विधायक के साथ नजदीकियां बढ़ाने के आरोप में पार्टी से बर्खास्त करने का मामला राजनीति में गरमा गया है। रशपाल राजू के समर्थकों ने गांधी पार्क में भारी संख्या में एकत्रित होकर बसपा हाई कमान के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने मांग की कि पूर्व प्रधान पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। वहीं राजू ने कहा कि नगर परिषद कमेटी की मीटिग में पूर्व विधायक के साथ बैठे थे और यह मीटिग शहर के विकास कार्य करने के लिए बुलाई गई थी। उनकी पत्नी पार्षद है, वह शहर में न होने के कारण वहां पहुंचे थे। पहले भी कह चुके हैं कि जिन विधानसभा क्षेत्रों की सीटें गठबंधन के सहयोगी अकाली दल को दी गई है उन पर पार्टी की मजबूत पकड़ रही है और जो सीट बसपा को दी गई है, वहां पर हालत खराब है इसलिए पार्टी हाई कमान से अपील की थी कि इन बिदुओं पर विचार किया जाए। वह कार्यकर्ताओं की भावना को समझते हैं और उनके साथ खड़े हैं। वह अपना अगला कदम समर्थकों के साथ विचार विमर्श के बाद ही उठाएंगे।


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