अगर आप भी मोबाइल या इंटरनेट का करते हैं ज्यादा प्रयोग तो पढ़ लें यह खबर
इंटरनेट, स्मार्ट फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि का अधिक इस्तेमाल खतरनाक साबित हो रहा है। लोग कंप्यूटर विजन सिंड्रोम नाम वाली बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं।
दातारपुर [सरोज बाला]। संचार क्रांति के नाम पर इंटरनेट, स्मार्ट फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि का इस्तेमाल कुछ इस कदर बढ़ा है कि गांव हो या शहर बड़े हों या बूढ़े प्रत्येक व्यक्ति इसकी गिरफ्त में फंसता जा रहा है। वाट्सअप आदि के इस्तेमाल की बढ़ती आदत से अब इसके दुष्प्रभाव भी सामने आने लगे हैं।
वीडियो गेम्स और स्कूल के प्रोजेक्ट बनाने के काम में घंटों के हिसाब से छात्र इन पर लगे रहते हैं और लगातार बिना पलक झपके कंप्यूटर विजन सिंड्रोम जैसे नेत्र रोगों से पीड़ित हो रहे हैं। इन हालत में बच्चे पढ़ाई के वक्त आंखों में जलन तथा धुंधलापन जैसी शिकायतें करने लगे हैं। जो आगे चलकर परेशानी का सबब बनेगी। समय पर इन समस्याओं के निदान के लिए यदि चिकित्सक के पास न जाया जाए तो कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और समय रहते चेकअप न करवाने से आंखों की रोशनी कम हो सकता है।
कंप्यूटर विजन सिंड्रोम बीमारी घातक, पढ़ाई में हो सकती है दिक्कत
इन डिजिटल गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले अधिकतर लोग कंप्यूटर विजन सिंड्रोम नाम वाली बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। यह बीमारी घातक सिद्ध हो रही है। पढ़ाई में मुश्किल की शिकायतें भी आ रही हैं। इस विषय में अत्यंत जरूरी है कि आंखों की तत्काल जांच करवाई जाए।
मोबाइल के प्रयोग से यह शिकायतें हो रही हैं पैदा
नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कई बच्चों के मामले सामने आ रहे हैं, जो आंखों में दर्द, सर में दर्द , धुंधलापन, आंखों का पानी सूखना, आंखों की रोशनी कम होना और गर्दन में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं।
तुरंत लें डॉक्टर से परामर्श
वासल अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ व एमडी डॉ. राज वासल ने कहा कि ऐसे लक्षण कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से अथवा कंप्यूटर और मोबाइल आदि के अत्यधिक इस्तेमाल से होते हैं और इससे ज्यादातर बच्चे ही प्रभावित हो रहे हैं। डॉ. वासल ने कहा ऐसे लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज कराना जरूरी होता है।
मोबाइल का प्रयोग करने पर आंखों के बचाव के लिए क्या करें
- बीच-बीच में रेस्ट लेते रहें।
- आंखों को घुमाएं।
- थोड़ी देर रुक कर कंप्यूटर का इस्तेमाल करें।
- परेशानी हो तो तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
- आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
- आंखों में ठंडे पानी के छींटे मारें।