शराब पीकर पति करता था मारपीट, भाइयों से मिलकर पत्नी ने करवा दी हत्या
हाजीपुर, गत हाजीपुर ब्लॉक के गांव कुल्लियां लुबाना में सतीश कुमार नामक व्यक्ति के कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस में महिला सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। माननीय जिला मुख्य अधिकारी श्रीजी इंडियनस आईपीएस सीनियर पुलिस कप्तान होशियारपुर के दिशा निर्देश में हरप्रीत ¨सह मुंडेर एसपी इन्वेस्टिगेशन होशियारपुर र¨वद्र ¨सह डीएसपी मुकेरिया की हिदायतों के अनुसार इंस्पेक्टर रणजीत ¨सह थाना मुखी ने हो रहे अपराधों को काबू चलाने के लिए जो मुहिम
जागरण टीम, हाजीपुर/होशियारपुर
हाजीपुर के गांव कुल्लियां लुबाना के पंचायत घर में 13 सितंबर की रात सो रहे सतीश कुमार की हत्या की मास्टरमाइंड उसकी पत्नी निकली। शराब पीकर सतीश कुमार अक्सर बच्चों और उसके साथ मारपीट करता था। इससे दुखी होकर उसकी पत्नी ने अपने भाइयों और अन्य रिश्तेदारों के साथ योजना बनाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या को अंजाम देने से पहले पत्नी ने रात को खाते समय सब्जी में नशीली वस्तु मिला दी थी। हाजीपुर पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार करके हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया है।
इस बारे में डीएसपी मुकेरियां र¨वदर ¨सह ने बताया कि 13 सितंबर की रात सतीश कुमार की तेजधार हथियारों से हत्या कर दी गई थी। ना यह लूट की घटना लगती थी और ना ही सतीश कुमार की किसी से कोई दुश्मनी थी। इसलिए पुलिस को शक हो रहा था कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश है। सो, पुलिस के शक की सूई सतीश कुमार की पत्नी सोना देवी के ऊपर घूमी, क्योंकि सोना देवी हत्याकांड को लेकर अपना बयान बार-बार बदल रही थी। यहीं से पुलिस का शक उसके ऊपर और ज्यादा हो गया।
पुलिस ने सोना देवी को हिरासत में लेकर जब सवाल पर सवाल दागने शुरू किए, तो वह ज्यादा देर तक अपने गुनाहों पर पर्दा न डाल सकी। जल्द ही वह टूट गई और पुलिस के सामने खुलासा किया कि उसका पति सतीश कुमार अक्सर शराब पीकर बच्चों और उसके साथ मारपीट करता था। इससे वह बहुत तंग थी। इसलिए उसने उसकी हत्या करवा दी। अपनी परेशानी को उसने अपने भाइयों से साझा किया था, तो यह योजना बनी कि सतीश कुमार को ठिकाने लगा दिया जाए।
योजना के मुताबिक 13 सितंबर की रात निवासी अकबरपुर, थाना पनोबा जिला गुड़गांव, हरियाणा हाल निवासी पंचायत घर कुल्लियां लुभाना थाना हाजीपुर जिला होशियारपुर ने अपने सगे भाइयों मनोज कुमार पुत्र रामकिशन उर्फ पप्पू व राजकुमार पुत्र रामकिशन निवासी गांव पटलोनी तहसील दाऊजी जिला मथुरा यूपी (हाल निवासी तनूली काबुल ¨सह थाना मेहटियाना जिला होशियारपुर) और रिश्तेदार रमन कुमार पुत्र राजू निवासी नंगल डैम के पास दो नेहरा नगरी जिला रोपड़ (हाल निवासी गांव दूल्हा धर्मशाला थाना तलवंडी चौधरियां जिला कपूरथला) को गांव कुल्लियां बुलाया था।
योजना के मुताबिक तीनों आरोपित गांव कुल्लियां आ गए और बाहर छिप गए थे। रात में खाना खाते समय सब्जी में नशीली वस्तु मिला दी थी। इसके कुछ ही देर बाद सतीश कुमार बेसुध हो गया। रात 12 बजे के करीब मनोज कुमार, राज कुमार और रमन कुमार घर के अंदर दाखिल हुए और सो रहे सतीश कुमार के सिर पर ईट से वार किया और फिर पेट में चाकू मार कर उसकी हत्या कर दी। अपने मंसूबे को अंजाम देकर सभी आरोपित वहां से फरार हो गए। हत्यारों के वहां से निकल जाने के बाद सोना देवी ने शोर मचाना शुरू कर दिया कि उसके पति सतीश कुमार की हत्या कर दी गई है और हत्यारों की संख्या चार थी।
उधर, हाजीपुर पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मृतक सतीश कुमार निवासी प्रांत हरियाणा के गांव अकबरपुर गुड़गांव का रहने वाला था। वह पिछले कई सालों से हाजीपुर के गांव कुल्लियां लुबाना के पंचायतघर में परिवार के साथ रहता था। यहां पर वह मीट की दुकान करता था।
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शराब ने बर्बाद कर दिए चार परिवार
अक्सर सुना जाता है कि शराब परिवारों को तबाह करती है। हाजीपुर के गांव कुल्लियां में रहने वाले सतीश कुमार की शराब ने भी चार परिवारों पर ग्रहण लगा दिया। शराब पीकर वह अपनी पत्नी सोना देवी व बच्चों से मारपीट करता था। उसके तीन छोटे बच्चे हैं। दुखी होकर सोना ने अपने भाइयों से कहा कि अगर सतीश कुमार का कुछ नहीं किया, तो वह खुद की जान दे देगी। बहन की पीड़ा को देखते हुए मनोज और राज कुमार ने सतीश कुमार को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। इसमें रिश्तेदार रमन कुमार को भी शामिल किया। इस कदम ने सतीश कुमार की जान ले ली।
उधर, पत्नी सोना देवी सलाखों में पहुंच गई। तीन मासूम बच्चे बेसहारा हो गए हैं। कुछ ऐसा ही हाल, सोना देवी के भाइयों मनोज कुमार, राज कुमार व रिश्तेदार रमन का भी है। इनके सलाखों के पीछे पहुंचने से घर तबाह हो चुका है। हालांकि इन्होंने गुनाह छिपाने की लाख कोशिश की, लेकिन कानून की नजरों से ये बच नहीं सके।
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गुस्से से नहीं दिमाग से लेते काम, तो शायद बच जाते परिवार
शराब पीकर मारपीट करने वाले सतीश कुमार के प्रति अगर गुस्से की बजाय दिमाग से काम लिया गया होता, तो शायद चार परिवार बर्बाद होने से बच जाते। रिश्तेदारों के बीच सतीश को बैठाकर उसे ऐसा न करने के लिए समझाया गया होता, तो वह समझ भी सकता था। ऐसे में ना सतीश की जान जाती, ना उसकी पत्नी सलाखों के पीछे पहुंचती और ना ही बच्चे बेसहारा होते। दो भाइयों और रिश्तेदार के भी परिवार भी तबाह ना होते। मगर, गुस्से में किया गुनाह सभी के गले की फांस बन गया है।