कंडी क्षेत्र में सरगर्म है वन माफिया, काटे जा रहे खैर के पेड़
ब्लाक तलवाड़ा से सटे जंगलों में इन दिनों वन माफिया सरगर्म है। जंगलों से अवैध तौर पर पेड़ काटे जा रहे हैं। धड़ल्ले से हो रही कटाई से कहीं न कहीं अधिकारियों की मिलीभगत की गंध आ रही है क्योंकि जब भी लोगों ने इसकी शिकायत की है तो कार्रवाई के बजाय कटाई में तेजी आई है।
राकेश शर्मा, तलवाड़ा
ब्लाक तलवाड़ा से सटे जंगलों में इन दिनों वन माफिया सरगर्म है। जंगलों से अवैध तौर पर पेड़ काटे जा रहे हैं। धड़ल्ले से हो रही कटाई से कहीं न कहीं अधिकारियों की मिलीभगत की गंध आ रही है क्योंकि जब भी लोगों ने इसकी शिकायत की है तो कार्रवाई के बजाय कटाई में तेजी आई है। यह माफिया इलाके में सबसे कीमती लकड़ी यानी खैर की कटाई कर चांदी कूट रहे हैं। कंडी क्षेत्र के सरकारी जंगलों में बेहद कीमती वृक्ष तेज गति के साथ गायब होते जा रहे हैं। कुछ इसी तरह का नया मामला हिमाचल की सीमा के साथ लगते गांव भवनौर के खुडीयाल पत्ती में सामने आया है जहां वन माफिया ने पंचायती रकबे में से लाखों रुपये के खैर के वृक्ष काट खाए। दूसरी ओर, वन विभाग तलवाड़ा के अधिकारियों ने डैमेज रिपोर्ट काटकर पल्ला झाड़ लिया है। इस संबंध में सतपाल ने लिखित शिकायत चार मई को बीडीपीओ के कार्यालय में दी थी। इसमें उन्होंने ग्राम पंचायत खुडीयाल पत्ती के सरपंच की मिलीभगत से खैर के पेड़ चोरी होने का आरोप लगाया है। गांव भवनौर के तहत पड़ते खुडीयाल पत्ती का 8700 कनाल के करीब रकबा शामलात है जिसमें से बहुत बड़ा हिस्सा जंगली है। खैर व वन माफिया ने इसमें से करीब 30 लाख रुपये के पेड़ चोरी किए हैं।
लकड़ी काटने पर है प्रतिबंध
कंडी क्षेत्र के जंगलों में वन विभाग की धारा चार व पांच के तहत विशेष हालातों को छोड़कर लकड़ी की कटाई करने में पूर्ण तौर पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद कंडी क्षेत्र के नीम अर्धपहाड़ी क्षेत्रों के गांवों में वन माफिया की ओर से बड़ी गिनती में वृक्षों की कटाई की जा रही है।
सरपंच बोले, सारे आरोप झूठे
इस संबंध में गांव खुडीयाल पत्ती के सरपंच से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक सोची समझी साजिश के तहत उनके अक्स को खराब करने की कोशिश की जा रही है।
विभाग को करवा दिया अवगत
इस बारे में बीडीपीओ युद्धवीर सिंह ने कहा कि वन विभाग व थाना तलवाड़ा को इस मामले पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए पत्र लिख दिया है। वहीं डीएफओ दसूहा अटल महाजन ने बताया है कि काटे गए खैरों के पेड़ों की एक लाख रुपये के करीब राशि की डैमेज रिपोर्ट बना दी है।