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फड़ी मालिकों ने निभाया वादा, पुलिस की ढील से फिर लगा जाम

पिछले दिनों संडे मार्केट के लेकर हुए हंगामें के बाद फड़ी मालिकों ने आश्वासन दिया था कि वह सही ढंग से अपनी तय सीमा में ही अपनी फड़ी लगाएंगे ताकि जाम न लगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 12:37 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 06:10 AM (IST)
फड़ी मालिकों ने निभाया वादा, पुलिस की ढील से फिर लगा जाम
फड़ी मालिकों ने निभाया वादा, पुलिस की ढील से फिर लगा जाम

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : पिछले दिनों संडे मार्केट के लेकर हुए हंगामें के बाद फड़ी मालिकों ने आश्वासन दिया था कि वह सही ढंग से अपनी तय सीमा में ही अपनी फड़ी लगाएंगे ताकि जाम न लगे। लेकिन संडे मार्केट में जाम लगने में कोई सुधार नहीं हुआ। हालांकि चर्चा में हैं कि संडे मार्केट का स्थान बदलने के लिए भी सोचा जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक ट्रैफिक पुलिस वन वे पॉलिसी को लागू नहीं करती तब तक ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं आ पाएगा। एक बार फिर संडे मार्केट जामों में उलझी रही। लोग नो एंट्री से गाड़ियां बाजार में लाते रहे और कुछ मिनटों को छोड़कर बाकी सारा दिन ट्रैफिक जाम में लोग परेशान होते रहे। कहने को तो संडे छुट्टी का दिन होता है और आम तौर पर बाजार खाली रहते हैं लोग परिवार के साथ घरों में आराम करते हैं लेकिन यह समस्या पिछले कुछ सालों से होशियारपुर में लगने वाला संडे बाजार के कारण आम बन गई है। इतना हाइवोल्टेज ड्रामा होने के बाद भी कोई असर दिखाई नहीं दिया। जब संडे मार्केट पर पिछले सप्ताह निगम सख्त नजर आई थी तो फड़ी के मालिकों ने आश्वासन दिया था कि वह फड़ियां अपनी सीमा में लगाएंगे ताकि ट्रैफिक समस्या पैदा न हो। इस बार फिर संडे मार्केट लगी, फड़ी वालों ने अपनी फड़ियां भी सही ढंग से ही लगाईं ताकि जाम न हो। परंतु वन वे का पालन न होने के कारण सारा दिन जाम लगे। ट्रैफिक व्यवस्था धरी की धरी रह गए। हालांकि पिछले दिनों संडे मार्केट को लेकर उठे मुद्दे के बाद निगम के अधिकारी सारा दिन मार्केट में मूवमेंट रखते हैं लेकिन ट्रैफिक पुलिस की ढील के कारण समस्या समाप्त नहीं हो पा रही। बेरीकेट भी लगाए गए हैं परंतु उनका कोई फायदा ही नहीं है। लोग नो एंट्री से अपनी गाड़ियां अंदर तक लेकर पहुंच जाते हैं और जाम लग जाता है। लोग धक्के से वन-वे की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हालात यह हैं कि वाहन तो क्या पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया, ट्रैफिक मुलाजिमों की मौजूदगी भी बेअसर साबित हुई। सारा दिन ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक मुलाजिम मूक दर्शक बने रहे। यदि सुबह से ही नो एंट्री पर सख्ती दिखाई जाती तो हो सकता था समस्या का हल। ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी भी रही बेअसर

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ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए शहर के अलग-अलग चौकों में ट्रैफिक पुलिस तैनात होती है और संडे मार्केट में भी ट्रैफिक पुलिस के मुलाजिम तैनात किए गए थे। उनकी मौजूदगी भी बेअसर रही। जहां पर मुलाजिम तैनात किए जाने थे वहां पर मुलाजिम नदारद रहे और शहर में लगाए गए बेरीकेड सफेद हाथी ही नजर आए। लोगों ने जमकर ट्रैफिक नियमों में धज्जियां उड़ाई। यहां तक कुछ गाड़ी के मालिकों ने तो सड़क के बीचो बीच गाड़ियां पार्क कर दीं। और ट्रैफिक मुलाजिम चुपचाप देखते रहे। पुलिस की वाहन टोह करने वाला दस्ता भी सारा दिन नजर नहीं आया। जहां अब सरकारें ट्रैफिक को लेकर काफी गंभीर हैं वहीं होशियारपुर में ट्रैफिक की हालत आज भी बद से बदत्तर नजर आई। यदि बात फगवाड़ा चौक की हो तो वहां तो हर रोज जाम जैसी स्थिति बनी रही है।


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