संडे मार्केट ने निकाली ट्रैफिक व्यवस्था की हवा, लोग परेशान
शहर में रविवार को ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां सरेआम उड़ती देखी जा सकती हैं।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : शहर में रविवार को ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां सरेआम उड़ती देखी जा सकती हैं, क्योंकि रविवार को पुलिस की ड्यूटी भी नाम की होती है और शहर के मुख्य बाजार में लगा होता है संडे बाजार। संडे बाजार घंटाघर से फगवाड़ा चौक तक लगता है। कहने को तो संडे छुट्टी का दिन होता है और आम तौर पर बाजार खाली रहते हैं, लेकिन होशियारपुर में लगने वाले संडे बाजार के कारण रविवार को ट्रैफिक की समस्या चरम पर होती है।
वैसे तो संडे बाजार घंटाघर से लेकर फगवाड़ा चौक व बस स्टैंड रोड के साथ-साथ लगता है लेकिन सबसे अधिक व्यस्तता इलाका घंटाघर से महाऋषि वाल्मीकि चौक तक होती है, परंतु सबसे बुरे हालात घंटाघर से पीएनबी बैंक तक होते हैं। लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। यह सारा खेल निगम की तहबाजारी की छत्रछाया में होता है। निगम प्रशासन की और से तह बाजारी के नाम पर पर्ची काटकर बाहरी लोगों को सड़कों पर ही अपनी दुकाने सजाने की इजाजत दी जाती है। रविवार को घंटाघर रोड पर लगने वाला संडे बाजार अब धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच गया है।
घंटाघर चौक से लेकर कमालपुर चौक तक अपनी दुकानें सड़कों पर सजा लेते है। निगम प्रशासन की तह बाजारी लोगों पर भारी पड़ती नजर आती है। एक तरफ सड़कों से कब्जे हटाने की वकालत करने वाले निगम प्रशासन की टीम व आलाधिकारी शहर से कब्जे हटाने की बात करते है। वहीं दूसरी तरफ शहर के कई हिस्सों में जैसे बस स्टैंड के बाहर, बस स्टैंड रोड पर व गौशाला बाजर में तह बाजारी की पर्ची काटकर वह दुकानदारों व रेहड़ी चालकों के पक्के कब्जे करवाता है। निगम प्रशासन की मिलीभगत से शहर की सड़के कब्जों के बोझ तले दबती जा रही है। सुबह से शाम तक लगा रहा जाम
संडे बाजार के कारण शहर की खुली सड़कें सिकुड़ी हुई नजर आने लग जाती है, ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह होशियारपुर नहीं बल्कि लुधियाना का चौड़ा बाजार हो। रेहड़ी मार्केट लगने के कारण सड़कों पर यातायात प्रभावित होता है और सारा दिन ट्रैफिक मुलाजिम जाम से जूझते रहते हैं। लोग धक्के से वन वे की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हालात यह हैं कि वाहन तो क्या पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है और यह सारा खेल निगम की नाक के तले होता है।
संडे को लगभग सभी चौक होते हैं पुलिस से नदारद
ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए शहर के अलग-अलग चौकों में ट्रैफिक पुलिस तैनात होती है लेकिन संडे वाले दिन पुलिस भी चौकों से गायब रहती है। कहने के तो हर चौक में पुलिस मुलाजिम की तैनाती होती है पर दिखाई कोई मुलाजिम नहीं देता। सारे चौक पुलिस मुलाजिमों से नदारद होते हैं और जमकर ट्रैफिक नियमों में धज्जियां उड़ती हैं। होशियारपुर में ट्रैफिक के व्यवस्था के हालात खराब हैं।