ये हैं होशियापुर की सड़केंं, सेटिंग से चलता है खेल, शाम ढलते ही टकराने लगते हैं जाम
ये है होशियारपुर की सड़क। यहां अक्सर शाम ढलते ही सड़क किनारे वाहन ढाबों के पास के खड़े हो जाते हैं और फिर जाम पर जाम टकराने लगते हैं। यह सब कुछ देखकर भी पुलिस मौन बनी रहती है।
जेएनएन, होशियारपुर। धर्म और आस्था के प्रतीक लंगरों के लिए होशियारपुर देश विदेश में प्रसिद्ध है, लेकिन कुुुछ लोग इस शहर पर दाग लगा रहे हैं। शाम ढलते ही यहांं सड़क किनारे मयखानों में तबदील हो जाते है। फिश व चिकन की रेहड़ियों पर सरेआम लोग जाम टकराने लगते हैं, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं।
कहने तो पुलिस पल-पल की, हर गली व मोड़ की खबर रखती है, लेकिन कुछ मोड़ व गलियां जहां से पुलिस की 'जेबें गर्म' होती हैंं उनका ध्यान अकसर पुलिस के जहन से निकल जाता है। ...और इस तरह शहर में हर शाम होता है अवैध शराब का धंधा। यह किसी से छिपा नहीं है। सड़कों के किनारे खड़े होकर गाडिय़ों में जाम से जाम टकराने का दौर आम है। मगर कानून की रखवाली पुलिस को इससे कोई नाता ही नहीं है।
बड़ी-बड़ी बातें करने वाली पुलिस को जरा भी एहसास नहीं है कि सड़क किनारे गाडिय़ों में शराब का दौर चलने से जहां माहौल खराब होता है, वहीं सड़क किनारे खड़े वाहन हादसे को भी न्योता देते हैं। आलम यह है कि सरेआम कानून के नियमों की धज्जियां उड़ती हैंं और पुलिसिया तंत्र तमाशा देखने में व्यस्त रहता है। पुलिस की सुस्ती का ही नतीजा है कि सड़क के किनारे सूरज ढलने के बाद छोटे-मोटे ढाबों और रेहडिय़ों के सामने शराबियों का मजमा लगता है।
अवैध तौर पर शराब बेचने वालों तक कानून के लंबे हाथ पहुंच जाते हैं। मगर हैरानी है कि नियमों को तार-तार करके गटकी जाती शराब पर पुलिस की नजर नहीं पड़ती है। इन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती या फिर क्यों नहीं की जाती यह केवल पुलिस ही बता सकती है। हैरानी की बात तो यह है कि यह सारे हालत शहर के तीनों थानों व पुरहीरां पुलिस चौकी के आस पास ही बनते हैं। यदि बात की जाए तो शहर के माडल थाने के पास बनी सर्विस लेन, सदर के पास माहिलपुर अड्डे का इलाका व पुरहीरां चौकी के पास लगता रहीमपुर रेहड़ी मार्केट में हर रोज यह दौर चलता है.
पुलिस के 'आशीर्वाद' से चलता दो नंबर का धंधा
शहर की कोई सड़क बाकी होगी, जहां पर सूरज ढलने के बाद वाली छोटे-मोटे ढाबों के नाम पर गिलास से गिलास न टकराए जाते हों। ऐसा नहीं है कि पुलिस को रात के अंधेरे में होने वाली इनकी गतिविधियों के बारे में पता नहीं है, लेकिन खाकी जान बूझकर अंजान बनी हुई है। वह चुप्पी तोडऩे का नाम नहीं लेती है और शराबी जाम टकराने से बाज नहीं आते हैं। कुल मिलाकर यह सारा धंधा पुलिस के आशीर्वाद से इलाके में फल फूल रहा है।
होशियारपुर में अनेक स्थानों पर बिना लाइसेंस के शराब पिलाने का धंधा खूब फलफूल रहा है। पुलिस की कार्यप्रणाली कानों में तेल डालकर बैठने वाली हो गई है। उनकी गतिविधियों को देखकर यही आभास होता है कि जैसे अवैध तौर पर शराब पिलाने वाले अड्डों के मालिकों पर विभाग के अधिकारियों का 'आशीर्वाद' प्राप्त है, इसीलिए उनकी चुप्पी नहीं टूटती। यदि ऐसा नहीं है तो वह नियमों का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जाता है। होशियारपुर चिंतपूर्णी रोड, होशियारपुर-जालंधर रोड, होशियारपुर से चंडीगढ़ रोड पर अवैध शराब पिलाने का काम ज्यादा जोरों पर है।
सेंटिग से होता है सारा काम
सूत्रों की माने तो फूड कार्नरों पर शराब पिलाने की एवज में महीना चलता है, ऐसे अवैध शराब के अहाते काफी सरगर्म हैं। सड़क किनारे खुले ढाबों पर रात के समय में शराब पीने का ही दौर चलता है, जबकि ढाबा मालिकों के पास शराब पिलाने का कोई लाइसेंस नहीं होता है। फिर भी जाम से जाम टकराए जाते हैं। इससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा तो होती है। साथ में सरकारी राजस्व को भी चूना लग रहा है।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में डीएसपी सिटी जगदीश अत्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह खुद जांच करेंगें और यदि कोई ऐसा करता पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।