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मुकेरियां हाइडल नहर की मरम्मत का काम हुआ पूरा

बिजली उत्पादन और राजस्थान में सिचाई सुविधा प्रदान करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मुकेरियां हाइडल नहर में मरम्मत का काम पूरा होने के बाद पानी छोड़ दिया गया है। ऐसा तब संभव हुआ है जब विभाग ने तय समयसीमा में क्षतिग्रस्त स्लैबों की मरम्मत पूरी कर ली।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 05:54 AM (IST)
मुकेरियां हाइडल नहर की मरम्मत का काम हुआ पूरा
मुकेरियां हाइडल नहर की मरम्मत का काम हुआ पूरा

सरोज बाला, दातारपुर

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बिजली उत्पादन और राजस्थान में सिचाई सुविधा प्रदान करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मुकेरियां हाइडल नहर में मरम्मत का काम पूरा होने के बाद पानी छोड़ दिया गया है। ऐसा तब संभव हुआ है जब विभाग ने तय समयसीमा में क्षतिग्रस्त स्लैबों की मरम्मत पूरी कर ली। नहर पर भोडे दा खूह, हाजीपुर, रैली, ऊंची बस्सी व टेरकियाना में पांच पनविद्युत परियोजनाएं कार्यरत हैं जिनमें 225 मैगावाट बिजली उत्पादन किया जाता है।

दैनिक जागरण ने देखा था कि नहर की 37 किलोमीटर की लंबाई में साढ़े तीन हजार से भी अधिक स्लैबें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं और इनके कारण नहर के टूटने और करोड़ों रुपयों का नुकसान होने का अंदेशा बना हुआ था। स्लैबों के कारण नहर की हालत बदहाल बनी हुई थी। नहर के उद्गम स्थान शाह नहर बैराज के निकट झीर दा खूह के पास, गांव खटिगढ़ और निक्कुचक के निकट सैकड़ों स्लैबें क्षतिग्रस्त थीं और यहां से रिसाव अथवा टूटने की आशंका बनी रहती थी। इस विषय में मुकेरियां हाइडल नहर विभाग के तत्कालीन एक्सईएन चरनजीत सिंह से बात की थी, तो उन्होंने तीन हजार से ज्यादा स्लैबें क्षतिग्रस्त होने की बात मानते हुए बताया कि टेंडर की प्रक्रिया शुरू की थी और इसकी मरम्मत का टेंडर पास हो गया है, बाद में 31 मार्च को वे रिटायर हो गए थे। उन्होंने बताया था, सभी स्लैबों में से पहले चरण में 1239 स्लैबें जो ज्यादा खराब हैं उनकी मरम्मत की जाएगी और इसके लिए एक करोड़ 91 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। सरकार से नहर की बंदी करने की अनुमति मिलने के बाद 17 मार्च को नहर को बंद करके स्लैबों की मरम्मत शुरू कर दी गई थी और 30 अप्रैल तक तय समयसीमा में काम पूरा कर लिया गया। इससे बिजली उत्पादन व राजस्थान के गंगानगर से जैसलमेर तक सिचाई सुविधा का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

रिकार्ड समय में किया बढि़या काम

विभाग के एसई मोहनलाल ने बताया कि टेंडर 1239 स्लैबों का था और काम पूरा करने का समय 30 अप्रैल तक दिया गया था पर विभाग के युवा अधिकारियों ने तत्परता, लग्न और मेहनत का सुबूत देकर रात दिन काम करके तय समयसीमा में ही कर दिया और एक कीर्तिमान भी रचा कि उसी रकम में से चेयरमैन कम मैनेजिग डायरेक्टर पटियाला से अनुमति लेकर 1807 स्लैबों की मरम्मत कर दी गई जो एक मिसाल है, यानी उसी राशि और उतने ही समय में 567 अतिरिक्त स्लैबों की मरम्मत की गई।

ईमानदारी की सराहना

विभागीय अधिकारियों की ईमानदारी लगभग 567 अतिरिक्त स्लैबों की मरम्मत से झलकती है। यह बात कहते हुए भाजपा के पंजाब कार्यकारिणी सदस्य कैप्टन रविद्र शर्मा, जिला सचिव संजीव भारद्वाज, सरपंच दिलबाग सिंह, समाजसेवक बौबी कौशल, भाजपा के जिला महासचिव सतपाल शास्त्री ने अधिकारियों की सराहना की है। उन्होंने कहा, ऐसे ही ईमानदारी एवं तत्परता से काम करना समय की जरूरत है।


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