काम दर्जी का धंधा तस्करी का, नशे के कैप्सूलों का एक पत्ता 60 रुपये में लेकर 120 में बेचता था
दर्जी के काम की आड़ में प्रतिबंधित दवाओं का धंधा करने वाले आरोपित को पुलिस ने काबू कर लिया।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर: दर्जी के काम की आड़ में प्रतिबंधित दवाओं का धंधा करने वाले आरोपित को पुलिस ने काबू कर लिया। सिटी थाना की पुलिस ने आरोपित पर मामला दर्ज कर उसे अदालत में पेश कर दो दिन का रिमांड हासिल किया है। थाना प्रभारी गोबिदर कुमार ने बताया कि आरोपित से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आरोपित से भारी मात्रा में (65 डिब्बे) प्रतिबंधित नशीले कैप्सूलों के बरामद किए हैं। थाना प्रभारी गोबिदर कुमार ने बताया कि एएसआइ किरण सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर शास्त्री मार्केट के पास से रमन कुमार निवासी शांति नगर, बजवाड़ा को गिरफ्तार किया। पुलिस को सूचना मिली थी कि उक्त आरोपित जो पेशे से दर्जी का काम करता है और दर्जी के काम की आड़ में प्रतिबंधित दवाएं बेचता है। मंगलवार को वह भारी मात्रा में नशे के कैप्सूलों की खेप लेकर जा रहा है। पुलिस ने ट्रैप लगाकर रमन को काबू किया था। किसी को शक न हो इसलिए आरोपित ने एक प्लास्टिक के बोरे में प्रतिबंधित दवाओं के डिब्बे डाले हुए। पुलिस ने जब उसे काबू कर प्लास्टिक के बैग की तलाशी ली तो उसमें से प्रतिबंधित नशे के कैप्सूल बरामद हुए। आरोपित की पत्नी को भी इस धंधे के बारे में पूरी जानकारी थी।
कमालपुर से घर छोड़ शांति नगर में लगाया था डेरा
थाना प्रभारी गोबिदर कुमार ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में रमन कुमार ने बताया कि वह खुद भी कैप्सूल खाता है और धीरे धीरे इसने कमालपुर से घर छोड़ दिया और शांति नगर में चला गया। वहीं पर इसने दर्जी का काम शुरू कर लिया। यह घर में ही कपड़े सिता था और उसी की आड़ में यह नशे का धंधा करता था। वैसे भी शांति नगर शहर का बाहरी इलाका है जिस कारण किसी को शक ही नहीं होता था कि आखिर इसका असल काम क्या है। नशे के आदी इसके नशीले कैप्सूल खरीदने इसके घर तक आते थे और लोगों को लगता था कि कोई ग्राहक इससे कपड़े सिलवाने के लिए या फिर सिले हुए कपड़े लेने के लिए आते हैं। चुपचाप दर्जी की आड़ में यह काम कर रहा था। 60 का पत्ता 120 रुपये में बेचता था
थाना प्रभारी गोबिदर कुमार ने बताया कि रमन ने प्राथमिक पूछताछ में बताया कि उसे नशीले कैप्सूलों का एक पत्ता 60 रुपये में मिलता था और वह आगे उसे 120 रुपये के हिसाब से बेचता था। यही नहीं यदि इसको पता लगता था कि नशेड़ी बहुत जरुरत मंद है तो वह उसे 150 रुपए के हिसाब से भी कैप्सूलों का पत्ता बेचता था। रमन ने बताया कि वह एक दिन में लगभग 1500 रुपये से 3 हजार रुपये तक के कैप्सूल बेचता था। थाना प्रभारी ने बताया कि जितने कैप्सूल आरोपित से काबू किए गए हैं उनकी कीमत लगभग एक लाख रुपये है। पूछताछ जारी, कई नाम आएंगे सामने
थाना प्रभारी गोबिदर कुमार ने बताया कि आरोपित को अदालत में पेश कर दो दिन का रिमांड लिया है। अब इसके पूछताछ की जा रही है कि यह कहां से कैप्सूल खरीदता था और कहां कहां सप्लाई करता था। इस मामले में कइयों के नाम से पर्दा उठने की उम्मीद है जो इलाके में बड़े स्तर पर प्रतिबंधित नशीले कैप्सूलों का धंधा करते हैं। उन्होंने बताया कि यह बात को तय है कि आरोपी लोकल ही किसी से कैप्सूल खरीदता था कहां से खरीदता था यह अभी पता नहीं चल पाया है। उसके बारे में पूछताछ जारी हैं। इसके साथ साथ यह भी पूछताछ की जा रही है कि इसके साथ और कितने लोग हैं जो मिलकर काम करते हैं और यह किन किन को कैप्सूल सप्लाई करते थे। यह सबसे बड़ा सवाल है। प्राथमिक जांच में एक बात सामने आ रही है कि यह सारा गोरखधंधा एक चेन सिस्टम से चल रहा था और इसमें कौन कौन सी कड़ियां और हैं उसपर जांच की जा रही है।
फोन पर मिलता था मैसेज, कहां करनी है सप्लाई और कितनी
थाना सिटी के प्रभारी गोबिदर कुमार ने बताया कि आरोपित सारा धंधा फोन पर करता था। कुछ लोग तो इसके घर से ही कैप्सूल लेकर जाते थे, बाकी यह इलाके में घूम कर नशीले कैप्सूल सप्लाई करता। शहर के साथ साथ यह आस पास के गांवों में भी यह कैप्सूल सप्लाई करता था। सारा काम इसका फोन पर होता था। कहां कैप्सूल सप्लाई करने हैं, कितने सप्लाई करने हैं इसे फोन पर मैसेज आ जाते थे और उसी हिसाब से तय जगह पर तय समय पर यह कैप्सूल सप्लाई करता था। उन्होंने बताया कि पूछताछ के साथ साथ आरोपी के मोबाईल के डिटेल की जांच की जा रही है और कॉल डिटेल से भी कईयों के नाम सामने आएंगे।