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खामोश हत्यारा है उच्च रक्तचाप, रखें एहतियात

भागदौड़ भरी जिदगी में उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या बन गई है जिसकी चपेट में अधिकांश लोग आ रहे हैं। इस वजह से कई बार व्यक्ति की जान भी संकट में पड़ जाती है इसलिए यह जान लेना आवश्यक है कि ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) क्या है यह क्यों बढ़ता है इसके क्या-क्या खतरे हैं और इसे कैसे नियमित रखा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 04:56 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 05:14 AM (IST)
खामोश हत्यारा है उच्च रक्तचाप, रखें एहतियात
खामोश हत्यारा है उच्च रक्तचाप, रखें एहतियात

सरोज बाला, दातारपुर

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भागदौड़ भरी जिदगी में उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या बन गई है जिसकी चपेट में अधिकांश लोग आ रहे हैं। इस वजह से कई बार व्यक्ति की जान भी संकट में पड़ जाती है इसलिए यह जान लेना आवश्यक है कि ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) क्या है, यह क्यों बढ़ता है, इसके क्या-क्या खतरे हैं और इसे कैसे नियमित रखा जा सकता है। इस विषय में रविवार को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर दैनिक जागरण के साथ चर्चा करते हुए वासल अस्पताल के एमडी डा. राज वासल ने कहा, हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप को खामोश हत्यारा कहा जाता है, क्योंकि व्यक्ति को इस बात का पता ही नहीं चलता है कि उसे उच्च रक्तचाप की शिकायत है और जब कोई हादसा हो जाता है, तब मालूम पड़ता है कि इसकी वजह रक्तचाप का बढ़ना था। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। उच्च रक्तचाप का रोग किसी भी उम्र में हो सकता है। यह बीमारी स्त्री-पुरुष में भेदभाव नहीं करती। यदि यह रोग एक बार लग जाए, तो ताउम्र पीछा नहीं छोड़ता इसलिए इसके प्रति सदैव सतर्क रहें। आमतौर पर किसी भी स्वस्थ युवा का औसत प्रकुंचकदाब (सिस्टोलिक) 120 मिमी और संप्रसारण दाब (डायस्टोलिक) 80 मिमी होता है। इन्हें 120-80 लिखा जाता है यह औसत है, व्यवहार में इससे थोड़ा कम ज्यादा हो सकता है। लेकिन उच्च रक्तचाप का रोगी कोई व्यक्ति तभी माना जाता है जब उसका प्रकुंचक दाब 140 मिमी और संप्रसारण दाब 90 मिमी या उससे अधिक हो।

तनाव में रहना व कसरत न करना भी कारण

तनाव आने पर शरीर की छोटी-छोटी धमनियां संकुचित होने लगती हैं। जितना अधिक तनाव, उतना अधिक धमनियों में संकुचन। नतीजा उतना ही उच्च रक्तचाप। हाजीपुर अस्पताल के मेडिकल अफसर डा. हरमिदर सिंह ने कहा, जो लोग किसी भी प्रकार का शारीरिक श्रम नहीं करते, उन्हें उच्च रक्तचाप की शिकायत हो जाती है, क्योंकि शरीर की धमनियां व्यायाम के अभाव में संकुचित हो जाती हैं। उच्च रक्तचाप गुर्दों के खराब होने का कारण भी है। डा. राज वासल व डा. हरमिदर सिंह ने बताया, उच्च रक्तचाप हृदय की गति को भी बंद कर सकता है। कई बार ब्लड प्रेशर की वजह से आंखों की कोई धमनी फट सकती है, जो अंधा बना देती है। उच्च रक्तचाप का सर्वाधिक चितनीय पहलू यह है कि यह व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है।

ऐसे करें बचाव

नियमित जांच करवाएं, नियमित रूप से दवाएं लें, मोटापा घटाएं, धूम्रपान व शराब का परित्याग करें, नमक का सेवन बहुत कम करें, भोजन में कैल्शियम, मैग्नेशियम और पोटाशियम की मात्रा बढ़ाएं, नियमित व्यायाम करें, योग को अपनाएं, भरपूर नींद लें, सुबह की सैर करें, तनाव से बचें।


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