Move to Jagran APP

जिस आंगन में बच्चियों के चहकने की सुनती थी आवाज, अब वहां पर विलाप

माहिलपुर-होशियारपुर सड़क पर जैतपुर अड्डे में हुए सड़क हादसे ने नंगल-खिलाड़ियां गांव के एक हंसते खेलते परिवार को लील लिया। जिस आंगन में जहां एक दिन पहले बच्चों के चहकने की आवाजें सुनाई दे रही थीं उसी आंगन में परिजनों के विलाप चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई दे रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 07:15 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 07:15 AM (IST)
जिस आंगन में बच्चियों के चहकने की सुनती थी आवाज, अब वहां पर विलाप
जिस आंगन में बच्चियों के चहकने की सुनती थी आवाज, अब वहां पर विलाप

रामपाल भारद्वाज, माहिलपुर

loksabha election banner

माहिलपुर-होशियारपुर सड़क पर जैतपुर अड्डे में हुए सड़क हादसे ने नंगल-खिलाड़ियां गांव के एक हंसते खेलते परिवार को लील लिया। जिस आंगन में जहां एक दिन पहले बच्चों के चहकने की आवाजें सुनाई दे रही थीं उसी आंगन में परिजनों के विलाप, चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। मृतक के परिजनों को अभी तक विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ है। पारिवारिक सदस्य शोक मुद्रा में बैठे दरवाजे की तरफ टकटकी लगाए इसी आस में देख रहे थे कि शायद अभी राजेश अपने परिवार के साथ मोटरसाइकिल पर लौट आए। राजेश तो नहीं लौट रहा लेकिन दरवाजे से राजेश व उसके परिवार की मौत की खबर सुनने के बाद अफसोस करने के लिए लोग जुट रहे थे। सभी की आंखों में आंसू हैं और आंसू ही लोगों के मनों की वेदना को व्यक्त कर रहे थे। दिल को दहला देने वाले इस हादसे के कारण शोक की लहर है। परिवार वालों को अब कभी अनन्या, निशु व इशिका की तोतली जुबान से बोले गए शब्द सुनाई नहीं देंगे।

रोते हुए भाई बोला, होनी को कुछ और ही मंजूर था

आंगन में भाई, भाभी व भतीजियों की मौत के मातम पर बैठे हरिया से दुख साझा करने की कोशिश की गई तो वह पहले तो गुमसुम थे और बाद में फूट फूट कर रो पड़े। मानों जैसे इस घटना ने उनका कलेजा ही चीर दिया हो। हरिया बोला, सुबह राजेश ने अपनी पत्नी कमल को मायके लेकर जाने का प्लान बनाया था। मोटरसाइकिल साफ करते हुए जब बच्चियों को इसका पता चला, तो नानी के घर जाने के चाव उनके चेहरों से झलक रहे थे। नानी के घर के अलावा एक चाव और भी था कि पापा के साथ मोटरसाइकिल पर घूमने जाने का। परंतु उन्हें क्या पता था कि उनकी यह खुशी या फिर यह सफर आखिरी होगा। हरिया ने बताया कि राजेश मटन की दुकान करता था और मिनी लाकडाउन में दुकान खोलने की परमिशन भी थी। लेकिन वीरवार सुबह न जाने क्यों दुकान पर न जाने का मन बनाया और अपनी पत्नी कमल को कहा कि तुम्हें मायके लेकर चलता हूं। शाम को आकर थोड़ी देर दुकान खोल लूंगा। बस इसके बाद वह तैयारियों में जुट गए। हरिया ने कहा कि कभी सोचा नहीं था अनहोनी राजेश व उनके बच्चों का राह देख रही है। यदि एक क्षण भी ख्याल आता तो कभी जाने ही नहीं देते, पर होनी को कुछ और ही मंजूर था।

बेटियां नहीं, बेटे थे हमारे

हरिया ने बताया कि बच्चियां घर की जान थीं। पूरा आंगन उनसे खिला खिला रहता था। कभी सोचा भी नहीं था कि यह लड़कियां हैं वह तो हमारे बेटे थे। शाम तक लौटने का कहकर सुबह राजेश अपने परिवार के साथ निकला था। दोपहर के बाद इंतजार कर रहे थे कि कब राजेश अपने बच्चों के साथ आए। अभी हम बात ही कर रहे थे कि इस दौरान यह मनहूस खबर आई तो मानों जैसे पैरों तले से जमीन खिसक गई। एक पल तो विश्वास ही नहीं हुआ। मौके पर पहुंचे तो सब कुछ बर्हाद हो चुका था। नन्हें शवों को उठाते हुए कलेजा फट रह था।

इतनी जबरदस्त थी टक्कर.. 50 फीट दूर जाकर गिरे

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गाड़ी से टकराने के बाद राजेश व उसका परिवार लगभग 50 फीट दूर उछल कर गिरा। इस हादसे में राजेश, उसकी पत्नी कमल, दो बच्चियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया पर इशिका की सांसें चल रही थी। लोग बड़ी उम्मीद से देख रहे थे कि इशिका को बचा लिया जाएगा। अस्पताल की तरफ लेकर भागे तो रास्ते में ही इशिका ने दम तोड़ दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.