Move to Jagran APP

एक ही चालान भरने को तीन बार आ रहे आरटीओ आफिस

सोमवार को सुविधा सेंटर के साथ आरटीओ आफिस का मौका मुआयना करने पर आफिस की चालान खिड़की के बाहर खड़े कुछ लोगों से बात की तो उन्होंने यहां पेश आनी वाली परेशानियों के बारे में बताया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:27 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:27 PM (IST)
एक ही चालान भरने को तीन बार आ रहे आरटीओ आफिस
एक ही चालान भरने को तीन बार आ रहे आरटीओ आफिस

सतीश कुमार, होशियारपुर : कोरोना काल के चलते पंजाब सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर काम कराने के लिए नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। लोगों को उक्त दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी हो गया है। सोमवार को सुविधा सेंटर के साथ आरटीओ आफिस का मौका मुआयना करने पर आफिस की चालान खिड़की के बाहर खड़े कुछ लोगों से बात की तो उन्होंने यहां पेश आनी वाली परेशानियों के बारे में बताया। तीसरी बार आने पर भी नहीं भरा गया चालान : नवांशहर के गांव मुकंदपुर से चालान भरने आए कुलदीप सिंह ने बताया कि वह सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण उसका चालान किया गया था। चालान भरने की तारीख दस नवंबर अंकित है। वह तीन बार चालान भरने के लिए आ चुका है और हर बार बगैर चालान भरे ही वापस जाना पड़ता है। कुलदीप ने बताया कि वह एक टैक्सी चालक है और दिल्ली के साथ-साथ देश के कई इलाकों में टैक्सी लेकर गए हैं। मगर कभी भी चालान नहीं हुआ था। जो चालान काटा गया है, वह राहों माछीवाड़ा रोड पर जाम के चलते सीट बेल्ट खोलकर बाहर निकलने व ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी से जाम का कारण पूछने पर काटा गया है। पुलिस ने सीट बेल्ट का चालान करके आरसी अपने पास रख ली है। जब वह उक्त तारीख को चालान भरने आए तो बताया गया कि अभी चालान की कापी नही आई है। दूसरी बार कहा गया कि क्लर्क छुट्टी पर है। आज भी वह चालान भरने के लिए बस का सफर करके होशियारपुर पहुंचे तो खिड़की बंद है। पता नहीं कब चालान भरने आना पड़ेगा। गुरदासरपुर से चालान भरने आ रहे हैं : गुरमेल सिंह

loksabha election banner

जिला गुरदासपुर से अपने स्कूटर की नंबर प्लेट का चालान भरने आए गुरमेल सिंह ने बताया कि उसका चालान टांडा पुलिस की तरफ से नंबर प्लेट को गलत बताकर किया गया था। वह पिछले दो बार चालान भरने आए तो बेरंग लौट गए। सोमवार को चालान भरने आए तो क्लर्क ने कहा कि पुलिस लाईन में स्थित ट्रैफिक आफिस से चालान की कापी लेकर आए। कापी लेकर आया तो पता चला कि लंच टाइम हो गया है। अपना ही टाइम टेबल है सभी स्टाफ का : आरटीओ आफिस के बाहर बैठे कुछ लोगो ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आरटीओ आफिस में कोई समय सारणी नही है। जब मन चाहे खिड़की खोल ली और जब दिल करे बंद कर दी। लोग घंटों इंतजार करके घर वापस चले जाते है, कोई भी बात सुनने वाला नहीं है। क्या कहते है आरटीओ सुखविदर सिंह बराड़ : आरटीओ सुखविदर सिंह बराड़ से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने तो पहले ही बोल रखा है कि अगर किसी भी चालान भरने आ रहे व्यक्ति को कोई परेशानी हो रही है, तो वह सीधे उनके साथ संपर्क करे। जो लोग सोमवार को भी चालान नहीं भर पाए हैं, वह मंगलवार को सीधे उनके पास आ जाए। उनका उसी समय चालान भरकर दस्तावेज सौंप दिए जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.