शहर में दो-दो कैबिनेट मंत्री फिर भी कायाकल्प को तरस रही सड़कें
होशियारपुर में सड़कों की हालत काफी खराब हो गई है।
हजारी लाल, होशियारपुर
ए भाई, जरा देख के चलो..। आगे ही नहीं, पीछे भी..। दाएं ही नहीं, बाएं भी..। ऊपर ही नहीं नीचे भी..। जी हां, होशियारपुर की टूटी सड़कों पर चलते हुए हिदी गीत की यह पंक्तियां आजकल याद आने लगी हैं क्योंकि टूटी सड़कों पर चलना खतरे से खाली नहीं है। टूटी सड़कों से गुजरते समय लोग चुटकी लेते हैं कि शहर में दो-दो उद्योग मंत्री हैं। केंद्र सरकार में होशियारपुर से भाजपा सांसद सोमप्रकाश केंद्रीय राज्य मंत्री है और पंजाब सरकार में होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक सुंदर शाम अरोड़ा कैबिनेट मंत्री हैं। दो-दो उद्योग मंत्रियों के रहते हुए भी शहर की सड़कों का भट्ठा बैठा हुआ है। इससे ज्यादा बिडंबना क्या हो सकती है कि जब शहर ने यहां से दो मंत्री दिए हैं, फिर भी शहर की सड़कें अपने कायाकल्प का इंतजार कर रही हैं। निश्चित तौर पर यह अफसरशाही और नेताओं की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जब शहर के पावरफुल मंत्रियों के रहते हुए सड़कें चकाचक नहीं हो पा रही हैं तो फिर और विकास कार्यों की क्या उम्मीदें की जा सकती हैं। शहर की मुख्य सड़कों की मरम्मत तीन से साल से नहीं हुई है। सरकारी कॉलेज रोड 2011 में बना था। इसके बाद इस रोड की मरम्मत नहीं हुई।
दैनिक जागरण की टीम ने शहर की सड़कों का जायजा लिया तो उनकी हालत देखकर दांतों तले अंगुलियां दब गईं। सबसे व्यस्ततम रोड सरकारी कॉलेज रोड है। इसी रोड पर सरकारी कॉलेज पड़ता है। प्रभात चौक से लेकर सरकारी कॉलेज चौक तक यह रोड जगह-जगह से टूटा हुआ है। इस पर सड़क कम गड्ढे ज्यादा नजर आते हैं। प्रभात चौक से सरकारी अस्पताल की तरफ आता रोड भी टूटा हुआ है। सरकारी अस्पताल के किनारे से श्रीचंद मार्केट से होकर बस स्टैंड रोड पर मिलने वाली सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है। वहां से वाहनों की तो बात दूर, पैदल चलना भी मुश्किल काम है। प्रेजीडेंसी होटल से रोशन ग्राउंड की तरफ जाता रोड भी टूटा हुआ है। खानपुरी गेट और बस स्टैंड चौक के पास भी रोड का बुरा हाल है। कमालपुर चौक से टेंपो वाली गली भी काफी टूटी हुई है। भरवाईं रोड भी कई जगहों पर टूटा हुआ है। सड़कों की मरम्मत के लिए फंड नहीं
नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की हालत यह है कि गड्ढों को ढकने के लिए वह मिट्टी और रोड़े डाल देता है, मगर बारिश होने पर गड्ढे फिर से उभर कर लोगों को तंग परेशान करने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक पीडब्ल्यूडी विभाग के पैसे नहीं है। इसलिए वह सड़कें नहीं बनवा रहा है। नगर निगम को भी सड़कों की मरम्मत करवाने के लिए फंड की कमी आड़े आ रही है। पंद्रह सितंबर के बाद बननी शुरू होंगी सड़कें: मेयर
नगर निगम के मेयर शिव सूद ने कहा कि ज्यादातर सड़कें पीड्ब्ल्यूडी के अधीन की टूटी हैं, जहां तक बात है नगर निगम के अधीन आती टूटी सड़कों की तो वे पंद्रह सितंबर के बाद बननी शुरू हो जाएंगी। कुछ सड़कों को बनाने के लिए टेंडर लग चुके हैं।
नेताओं को दिखाई नहीं दे रही लोगों की परेशानी
इलाका निवासी अमरीक सिंह, जसवीर सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरसेवक सिंह, राम सरूप ने कहा कि टूटी सड़कों की वजह से वाहनों में भी खराबी आती है। लोगों को डिस्क भी प्रॉबलम्स हो रही हैं। विकास के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नेताओं को कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा है कि लोग टूटी सड़कों की वजह से कितने परेशान हैं।