सीवरेज का काम रोका, हद से बाहर क्यों खोदी सड़क, जांच के लिए बनेगी कमेटी
अमृत योजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के बाद सीवरेज और वाटर सप्लाई की पाइपें डालने का काम रोक दिया गया है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : अमृत योजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के बाद सीवरेज और वाटर सप्लाई की पाइपें डालने का काम रोक दिया गया है। दैनिक जागरण ने 22 जनवरी को इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। नलोइयां के आगे डाले जा रहे सीवरेज के काम को रोक दिया गया है। सीवरेज बोर्ड ने साफ किया है कि चुंगी के हद तक ही सीवरेज की पाइप लाइन डाली जाएगी। जबकि पहले निगम हद से बाहर भी सीवरेज पाइप डालने का प्लान था। निगम हद के बाहर सड़क क्यों खोदी गई, इसकी जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए गए हैं। मामले उठाने के बाद अफसरशाही हरकत में आई है। भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने इस सारे मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है।
नगर निगम की हद मुगलपुरा चुंगी तक ही काम समाप्त करने के आदेश जारी करते हुए फिलहाल रोक दिया गया है। इस मामले को लेकर निगम कमिश्नर ने सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन को जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं सीवरेज बोर्ड ने जांच के लिए एक टीम का गठन करने के आदेश दिए हैं।
निगम कमिश्नर बलवीर राज सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले में सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों से बात की है और काम को पूरी पारदर्शिता के साथ करने के लिए कहा है। जब-तक पूरे मामले की जांच नहीं हो जाती, तब-तक इस काम को रोकने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि योजना निगम की हद तक ही सीमित है और यह निगम की हद तक ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को इसके बारे में साफ साफ निर्देश दे दिए गए हैं कि इस बात का ध्यान रखा जाए काम मुगलपुरा चुंगी तक ही हो।
जांच की जाएगी, फिलहाल काम रोका गया : एसडीओ
सीवरेज बोर्ड के एसडीओ अमनदीप सिंह ने बताया कि निगम कमिश्नर ने आदेश जारी किए हैं कि इस काम की जांच की जाए। उन्होंने बताया कि इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है जो सारे काम की देखरेख करेगा और यह भी जांच करेगा कि काम निगम की सीमा तक ही किया जाए। सड़क उखाड़ने के बारे में पूछे सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि सड़क का ऊपरी हिस्सा ही उखाड़ा गया है जो रिपेयर कर दिया जाएगा। सीबीआइ से होनी चाहिए जांच: तीक्ष्ण सूद
मामला उठने के बाद निगम प्रशासन सकते में आ गया और इसी मामले में अब विरोधी पक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए गए हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण ने इस मामले की सीबाआइ जांच की मांग की है और इस प्रोजेक्ट के बारे में पारदर्शिता से काम करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम की हद के बाहर तक पाइप लाइन बिछाकर सीधे तौर पर कुछ रसूखदार लोग जिन्होंने इस इलाके में कॉलोनियां काटीं हैं उन्हें फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जो अपने आप में एक बड़ा घपला है। उन्होंने कहा कि इससे जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है।