मंत्री अरोड़ा ने किया अनोखा प्रयास, सरकारी स्कूलों में लगेगी स्मार्ट क्लास
हजारी लाल, होशियारपुर मैं विकास का मसीहा नहीं हूं। मैं गरीब घर में पैदा हुआ और मेहनत करके गरीब
हजारी लाल, होशियारपुर
मैं विकास का मसीहा नहीं हूं। मैं गरीब घर में पैदा हुआ और मेहनत करके गरीबी से निकला हूं। इसीलिए मुझे गरीबी का अनुभव भलीभांति है। मैं एक सेवक की तरह गरीबों के लिए कुछ करना चाहता हूं। आज जरूरत है गरीबों के उत्थान के लिए कुछ करने की। इसके लिए सबसे जरूरी है शिक्षा। अच्छी शिक्षा से गरीबी और अमीरी की खाई को पाटा जा सकता है। इसीलिए मैंने प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद आने वाली ग्रांट को सरकारी प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए खर्च का फैसला लिया है।
सोमवार को सर्विसेज क्लब में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए मंत्री ने दो बार दोहराया की कि वह विकास के मसीहा नहीं हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका ईशारा पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद की ओर था। क्योंकि सूद के समर्थक उन्हें विकास का मसीहा का नाम देते हैं। अरोड़ा बिना नाम लिए विकास के मसीहा की संज्ञा की चुटकी ले रहे थे। सरकार का पैसा जनता के टैक्स का होता है। इसीलिए एक-एक पाई जनता के हित में खर्च होने के लिए उनकी प्राथमिकता होगी।
प्रथम ग्रांट की राशि शिक्षा के उत्थान में लगाई जाएगी
उन्होंने बताया की कि मंत्री बनने के बाद उन्होंने सोचा की कि पहली ग्रांट की धनराशि को वह शिक्षा उत्थान के लिए खर्च करेंगे। क्योंकि उन्होंने महसूस किया की कि सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की नितांत आवश्यकता है। पंजाब में पिछले आठ साल में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 55 हजार विद्यार्थी कम हुए हैं। यह ¨चता का विषय है। इसी के मद्देनजर उन्होंने अपने जिले के 101 सरकारी प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लासें शुरू करवाने के लिए योजना बनाई। इसमें से 69 सरकारी प्राइमरी स्कूल होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र के अधीन आते हैं। इसके अलावा जिले के छह अन्य विधानसभा क्षेत्रों के 5-5 स्कूल शामिल किए जाएंगे। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासें शुरू करने के लिए करीबन 35 लाख का खर्च आएगा। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं की कि इसे अमलीजामा पहनाने का काम शुय कर दिया जाए। स्मार्ट क्लास से बच्चों को बेंच, टेबल, लैपटाप, एलईडी की सुविधा मिलेगी, जैसा की प्राइवेट स्कूलों में मिलती है। अरोड़ा ने दावा की कि अगर बुनियादी शिक्षा अच्छी होगी तो निश्चित तौर पर आगे चलकर बच्चे पढ़ने में होशियार होंगे। स्मार्ट क्लास का करीबन 4000 बच्चे लाभ उठाएंगे। बिना किसी भेदभाव के भाव सरकारी प्राइमरी स्कूलों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। मैं होशियारपुर का ड्राइवर बनकर काम करूंगा
अरोड़ा ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि शिक्षा और हेल्थ की व्यवस्था में सुधार लाया जाए। अच्छी शिक्षा होगी तो बच्चों को रोजगार मिलेगा। इसे दिलवाना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि वह जनता की राय लेकर ही पैसे खर्च करेंगे। होशियारपुर में विकास की झड़ी लगेगी और वह यहां के निवासियों के लिए ड्राइवर बनकर काम करेंगे। उन्होंने दोहराया की कि होशियारपुर में बहुत जल्द बड़ी इंडस्ट्री भी आएगी, जो रोजगार के द्वार खोलेगी।