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माहिलपुर के गांव कोटला में कोई भी किसान नहीं जलाता पराली

जेएनएन होशियारपुर पंजाब सरकार के मिशन तंदुरुस्त पंजाब को बढ़ावा देते हुए माहिलपुर के गांव कोटला का 35 वर्षीय किसान दलेर सिंह पिछले पांच वर्षों से बिना पराली को आग लगाए अपनी 70 एकड़ जमीन पर खेती कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 06:30 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 06:30 PM (IST)
माहिलपुर के गांव कोटला में कोई भी किसान नहीं जलाता पराली
माहिलपुर के गांव कोटला में कोई भी किसान नहीं जलाता पराली

जेएनएन, होशियारपुर :

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पंजाब सरकार के मिशन तंदुरुस्त पंजाब को बढ़ावा देते हुए माहिलपुर के गांव कोटला का 35 वर्षीय किसान दलेर सिंह पिछले पांच वर्षों से बिना पराली को आग लगाए अपनी 70 एकड़ जमीन पर खेती कर रहा है।

दलेर सिंह की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए गांव के अन्य किसानों को भी पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया गया है। यही कारण है कि इस गांव में कोई भी किसान पराली को आग नहीं लगाता। नौजवान किसान दलेर सिंह की ओर से धान की पराली को जलाने की बजाए सीधी गेहूं की बिजाई कर रहे हैं। दलेर सिंह की ओर से उठाए गए कदमों के कारण उसकी आलोचना कर रहे किसानों ने भी इस प्रगतिशील तकनीक को अपना लिया है। अब गांव कोटला के अलावा नजदीकी गांवों के किसान भी धान की पराली को आग न लगाकर सुपर एसएमएस के माध्यम से धान की कटाई करने के उपरांत हैप्पी सीडर की मदद से गेहूं की सीधी बिजाई करते हैं।

-------------- सुपर एसएमएस विधि से मिली नदीनों की समस्या से निजात दलेर सिंह ने बताया कि रबी 2017 के दौरान पहली बार उसने धान की पराली में गेहूं की सीधी बिजाई 70 एकड़ जमीन में सफलतापूर्वक की थी। सुपर एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) कंबाइन से धान की कटाई करने के उपरांत हैप्पी सीडर तकनीक से गेहूं की बिजाई का तरीका बहुत ही आसान है। हैप्पी सीडर तकनीक विधि से गेहूं की बिजाई से बुआई का खर्चा कम होने के साथ-साथ नदीनों की समस्या से भी निजात मिल जाती है। शुरुआत में हैप्पी सीडर की बिजाई से गेहूं की बिजाई को देखकर उसके साथी किसान आलोचना करते थे। बाद में धान की पराली में गेहूं के पैदा होने पर आलोचना करने वाले किसान हैरान रह गए और इस विधि को अपनाने के लिए प्रेरित हुए। उन्होंने बताया कि उनके पास हैप्पी सीडर, सुपर सीडर के अलावा दो कंबाइनें हैं, जिस पर एसएमएस लगा हुआ है। इसके अलावा वह अपने गांव व आसपास के गांवों में भी सुपर एसएमएस (कंबाइन पर लगने वाला यंत्र) कंबाइन से धान की कटाई करता है। ----------- कोट्स दलेर सिंह के प्रयास प्रशंसनीय हैं। अन्य किसान भी आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए पराली न जलाएं।

--अपनीत रियात, डीसी, होशियारपुर


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