पुण्यतिथि पर स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को किया याद
सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल ऊना रोड में सोमवार को पुण्यतिथि पर लाल बहादुर शास्त्री को शत-शत नमन किया।
संवाद सहयोगी, होशियारपुर : सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल ऊना रोड में सोमवार को पुण्यतिथि पर लाल बहादुर शास्त्री को शत-शत नमन किया। स्कूल डायरेक्टर उर्मिल सूद के नेतृत्व में स्टाफ सदस्यों व छात्रों ने लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। डायरेक्टर सूद ने बताया कि शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1901 को मुगलसराय (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। वह कई मील नंगे पांव चलकर स्कूल जाते थे। शास्त्री आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। उनका सादा जीवन सभी के लिए किसी मिसाल से कम नहीं था। वह हमेशा कहते थे कि जवान और किसान देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं इसलिए इन्हें कोई भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया। वह करीब 18 महीने तक प्रधानमंत्री रहे और 11 जनवरी 1966 को उनका निधन हो गया। डायरेक्टर सूद ने छात्रों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए कहा।
साहस और सादगी के प्रतीक थे लाल बहादुर शास्त्री : भारद्वाज
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ईमानदारी, सादगी और साहस के प्रतीक थे। पुण्यतिथि पर दातारपुर में शास्त्री को श्रद्धाजलि भेंट करते हुए मुकेरिया जिला भाजपा सचिव संजीव भारद्वाज ने यह विचार रखे। उन्होंने कहा कि 27 मई 1964 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 9 जून 1964 को लाल बहादुर शास्त्री दूसरे प्रधानमंत्री बने। 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में शास्त्री ने बड़े साहस के साथ देश का नेतृत्व किया और पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। संजीव भारद्वाज ने कहा, शास्त्री को देश का बढि़या नेतृत्व करने के लिए भारत रत्न के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर नवीन डोगरा, प्रमोद कुमार, मनिंदर, कुलदीप कुमार अमन उपस्थित थे।