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पैसे डबल करने के लिए करोड़ों डकार कंपनी फरार, 14 नामजद

पैसे डबल करने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों को करोड़ों का चूना लगाने पर थाना सिटी पुलिस ने 14 लोगों को नामजद किया। यह कार्रवाई माननीय हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 05:36 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:44 AM (IST)
पैसे डबल करने के लिए करोड़ों डकार कंपनी फरार, 14 नामजद
पैसे डबल करने के लिए करोड़ों डकार कंपनी फरार, 14 नामजद

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : पैसे डबल करने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों को करोड़ों का चूना लगाने पर थाना सिटी पुलिस ने 14 लोगों को नामजद किया। यह कार्रवाई माननीय हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुई। आरोपित कंपनी एमडी संजीव सिकंदर वासी भाई गुरदास नगर, रविदर सिंह सिद्धू दबुर्जी चौक, पलविदर सिंह वासी भाई गुरदास नगर, गगनदीप सिंह वासी भाई गुरदास नगर, मुख्तयार सिंह, खजान सिंह (सभी अमृतसर), मनमोहन सिंह जैन टावर जनकपूरी, उमेश्वर वासी हेमकुंट नगर, लेखराज (तीनों नई दिल्ली), गुरदीप सिंह वासी किम फार्म रेस्ट हाउस जालंधर के साथ कैशियर कम क्लर्क अरुण कुमार वासी नई दिल्ली और रतन पाल वासी डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) हैं।

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एएसआइ सतनाम सिंह को बयान में जगविदर सिंह व बलविदर कौर वासी सरुपवाल थाना भुल्लथ (कपूरथला) ने बताया कि 2002 में किम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नैक्टर कामर्शियल एस्टेट लिमिटेड कंपनी फगवाड़ा रोड होशियारपुर की ओर से जमीन, फ्लैट और शापिग माल खोलने को पैसा लगाने के लिए कहा गया। उस दौरान झांसा दिया गया कि कंपनी इन प्रोजेक्टों में पैसे लगाने पर डबल करके ग्राहकों को दे रही है। इसके चलते कंपनी में 2002 से लेकर होशियारपुर समेत अन्य जिलों के लोगों ने लाखों रुपये लगा दिए थे। लेकिन, कंपनी ने पैसों का न हिसाब दिया, न ही पैसे डबल करके दिए। जब भी लोग पैसों के बारे में बात करने जाते तो कंपनी के एमडी और डायरेक्टर यह बोल कर भेज देते थे कि मालिकों का किसी विदेशी कंपनी के साथ करार हो रहा है। इसके कारण कंपनी का पैसा वहां लग रहा है। यह सब प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी एक एक पैसे का हिसाब देकर आगे काम करेगी। 2012 में की थी पुलिस को शिकायत

जगविदर सिंह और बलविदर कौर ने पैसे लेने के लिए पुलिस को 2012 में शिकायत कर दी थी। पुलिस लगातार मामले की पड़ताल करती रही, मगर जब भी कंपनी के एमडी और अन्य स्टाफ से बात करने की कोशिश की जाती तो वह आनाकानी करते रहे। इसी बीच पता चला कि कंपनी में सारा काम फर्जी चल रहा है तो पुलिस ने 2018 को कंपनी कार्यालय पर छापेमारी की। वहां पर वर्करों ने कहा कि पहले नोटबंदी और अब कोरोना वायरस के कारण कंपनी का बहुत बड़ा नुकसान हो गया है क्योंकि, प्रापर्टी की कीमत बहुत ज्यादा कम हो गई है। इसके चलते लोगों के पैसे वापस करने में देरी हो रही है।

अदालत में मामला पहुंचने पर भाग गई कंपनी

कुछ लोग पैेसे वापस लेने के लिए अदालत में चले गए तो वहां से कंपनी के सारे दस्तावेज चेक करने के आदेश पुलिस को जारी किए। इसके बाद पुलिस ने जैसे ही कंपनी के होशियार में स्थित हेड आफिस में छापेमारी की तो सारा स्टाफ ताला लगा कर फरार हो गया था। इसके चलते पुलिस ने अब आरोपितों को नामजद कर छापेमारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।


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