कोरोना वायरस से चार मरीजों की मौत, 145 नए केस आए
जागरण संवाददाता होशियारपुर कोरोना वायरस का संक्रमण चक्कर फैलता जा रहा है। चाहे मेि
जागरण संवाददाता, होशियारपुर
कोरोना वायरस का संक्रमण चक्कर फैलता जा रहा है। चाहे मेडिकल स्टॉफ दिन रात इसके विरुद्ध डटे हुए हैं लेकिन कोरोना के पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को जिला में कुल 145 नए पॉजिटिव केस सामने आए जिसके बाद जिला में अब तक कुल पाजीटिव केसों की संख्या 3617 हो गई है। शनिवार को आई रिपोर्ट में कोरोना से मरने वालों की संख्या चार थी, जिसके बाद कुल मिलाकर कोरोना से मरने वालों की संख्या 114 हो गई है। यदि बात कुल सैंपलों की हो तो जिला में अब तक संदिग्ध मरीजों के कुल 86871 सैंपल लिए जा चुके हैं जिसमें 82258 सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में सिविल सर्जन डॉ. जसवीर ने बताया कि शनिवार को 1534 नए सैंपल लिए गए और 1894 सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। 1894 सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अब जिला में संदिग्ध केसों के लिए गए कुल सैंपलों में से 1353 सैंपलों की रिपोर्ट का इंतजार है जबकि 121 सैंपल इनवेलड हैं। जिला में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 993 हैं और 2516 लोग कोरोना की जंग जीतकर घर लौट चुके हैं।
शनिवार को पॉजिटिव आए 145 में से 86 केस होशियारपुर सिटी के हैं जबकि 59 केस जिला के अन्य इलाकों से संबंधित थे।
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किन किन की हुई मौत
शनिवार को प्राप्त रिपोर्ट में जिन चार लोगों की मौत हुई है। उनमें 71 वर्षीय व्यक्ति निवासी न्यू सिवल लाइन और 76 वर्षीय व्यक्ति निवासी नई आबादी होशियारपुर की डीएमसी लुधियाना, 77 वर्षीय व्यक्ति निवासी मियानी टांडा की जालंधर के निजी अस्पताल। 83 वर्षीय व्यक्ति निवासी पोसी ब्लाक की भी जालंधर के एक निजी अस्पताल में मौत हुई है।
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घबराएं नहीं हो जागरूक रखें सावधानी : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन ने कहा कि कोरोना से घबराएं नहीं, इसका डटकर मुकाबला करें। इससे बचाव का सबसे स्टीक तरीका सावधानी है व उसके प्रति जागरूकता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी को बुखार, खांसी, जुकाम व सांस लेने में तकलीफ संबंधी परेशानी है तो वह तुरंत कोरोना का टेस्ट करवाएं ताकि समय रहते इसका उपचार किया जा सकें।
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बढ़ रहे कोरोना के मरीज, वेंटीलेटर नदारद
जिले में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। हर रोज औसतन एक सौ मरीज आ रहे हैं। बावजूद इसके जिले में वेंटीलेटर नदारद है। सरकारी अस्पताल में एक भी वेंटीलेटर नहीं है। हालांकि प्रशासन की ओर से प्राइवेट अस्पतालों में वेंटीलेटर की सुविधा का दावा किया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों को दाखिल करने से आनाकानी करते हैं। आलम यह होता है कि मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने पर जालंधर, लुधियाना या फिर अमृतसर रेफर कर दिया जाता है। मालूम पड़ा है कि जो वेंटीलेटर सरकारी अस्पताल होशियारपुर के लिए आए थे, उसे तकीनीकी कारणों से जालंधर भेज दिए गए। कुल मिलाकर, गंभीर मरीजों के मामले में निहत्था सा लगता है।
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आक्सीजन युक्त बेडों की और ज्यादा जरुरत
हर रोज बड़ी तादाद में मरीज आने के बावजूद जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल में महज 75 बेडों में आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। जबकि मौके की नजाकत को भांपते हुए आक्सीजन युक्त और बेडों की आवश्यकता है। होशियारपुर में कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है और जालंधर, लुधियाना और अमृतसर के अस्पतालों में बेड न मिलने से मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। एपीडेमोलाजिस्ट डा. शैलेष के मुताबिक आक्सीजन वाले बेड पयार्प्त हैं। सांस लेने में तकलीफ होने पर ही कंडीशन को गंभीर देने पर मरीजों को रेफर किया जाता है।