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कूलरों में पैदा हो रहा डेंगू का मच्छर, मरीज दो सौ पार, औसतन रोज आठ

जागरण संवाददाता होशियारपुर मौसम में नमी आते ही डेंगू मच्छर सरगर्म हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की कमजोर फील्डिग का फायदा उठाते हुए डेंगू मच्छर ने दोहरा शतक लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग को परेशानी में डाल दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:04 AM (IST)
कूलरों में पैदा हो रहा डेंगू का मच्छर, मरीज दो सौ पार, औसतन रोज आठ
कूलरों में पैदा हो रहा डेंगू का मच्छर, मरीज दो सौ पार, औसतन रोज आठ

जागरण संवाददाता, होशियारपुर

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मौसम में नमी आते ही डेंगू मच्छर सरगर्म हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की कमजोर फील्डिग का फायदा उठाते हुए डेंगू मच्छर ने दोहरा शतक लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग को परेशानी में डाल दिया है। जिले में डेंगू बुखार से पीड़ितों की संख्या 202 हो गई है। विभाग के मुताबिक दीपावली तक डेंगू मच्छर का कहर इसी तरह जारी रहेगा।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को डेंगू बुखार से पीड़ित आठ मरीज आए हैं। हर दिन औसतन आठ से दस मरीज सामने आ रहे हैं। होशियारपुर के शहरी इलाके के अलावा हारटा बडला और चक्कोवाल से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। पड़ताल में यह बात सामने आई है कि डेंगू मच्छर ज्यादातर कूलरों के पानी से पैदा हुए हैं क्योंकि मौसम में नमी आने के बाद लोगों ने कूलर चलाना तो बंदकर दिया, लेकिन उसका पानी बाहर नहीं निकाला। इसी वजह से डेंगू मच्छर पनपते गए।

एपीडेमोलाजिस्ट डा. शैलेष कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों से डेंगू मच्छर से कैसे बचाव करें, इसके प्रति जागरूक कर रही है।

सिविल सर्जन डा. जसवीर सिंह के मुताबिक डेंगू बुखार के बढ़ते हुए केसों के मद्देनजर टीम गठित कर दी गई है। सरकारी अस्पताल होशियारपुर में डेंगू मरीजों के लिए बारह से ज्यादा बेड तैयार कर लिए गए हैं। अब, भी डेंगू बुखार से निपटने के लिए 28 से ज्यादा किटें रिजर्व रखी गई हैं।

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डेंगू बुखार का प्रकोप बढ़ा, बेबस नजर आ रहा स्वास्थ्य विभाग

यह कड़वी सच्चाई है कि डेंगू का कहर बरपने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बेबस नजर आते हैं। समय रहते डेंगू मच्छर से निपटने की तैयारियां नहीं की जाती। इस वजह से लोगों को अक्टूबर तक डेंगू मच्छरों का संताप झेलना पड़ता है। जिले में हर वर्ष डेंगू बुखार की समस्या आती है, लेकिन जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल को छोड़कर अन्य सरकारी अस्पतालों में डेंगू बुखार से लड़ने के लिए समुचित यंत्र ही नहीं हैं। आलम यह होता है कि डेंगू बुखार चढ़ने पर मरीजों को दूसरे अस्पतालों का मुंह देखना पड़ता है। अधिकांश सरकारी अस्पतालों में न तो डेंगू बुखार की जांच के लिए कार्ड की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू की पुष्टि के लिए सिरोलाजी टेस्ट की व्यवस्था न होने से मरीजों की बेहद परेशानी उठानी पड़ती है।

-------------------- टेस्टिग की सुविधा होशियारपुर के अलावा सिर्फ भूंगा में

जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल होशियारपुर और भूंगा में डेंगू टेस्टिग की सुविधा है। ऐसे में गढ़शंकर के मरीजों को करीब चालीस किलोमीटर दूर का सफर तय करके होशियारपुर आना पड़ता है। इसी तरह से मुकेरियां, दसूहा और तलवाड़ा के डेंगू मरीजों को लंबी दूरी नाप कर भूंगा आना पड़ता है। इस वजह से डेंगू मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है।


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