मांगों को लेकर पंजाब व चंडीगढ़ सरकारी कालेज टीचर्स यूनियन ने सौंपा मांगपत्र
पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी व कालेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन के आह्वान पर पंजाब व चंडीगढ़ सरकारी कालेज टीचर्स यूनियन की ओर से अपनी मांगों को लेकर श्रम जंगलात व जंगली जीव मंत्री संगत सिंह गिलजियां के नाम मांगपत्र सौंपा गया।
संवाद सहयोगी, टांडा उड़मुड़ : पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी व कालेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन के आह्वान पर पंजाब व चंडीगढ़ सरकारी कालेज टीचर्स यूनियन की ओर से अपनी मांगों को लेकर श्रम जंगलात व जंगली जीव मंत्री संगत सिंह गिलजियां के नाम मांगपत्र सौंपा गया। इससे पहले यूनियन सदस्यों ने कांग्रेस दफ्तर टांडा के सामने धरना देते हुए अपनी मांगें रखी। इस संबंध में जिला सचिव सुरेश कुमार ने बताया कि भारत के सभी राज्यों में सातवें वेतन आयोग को लागू किया जा चुका है। लेकिन पंजाब सरकार की ओर से अभी तक सातवां वेतन आयोग लागू नहीं किया है। साथ ही राज्य सरकार पंजाब के कालेज व यूनिवर्सिटी टीचर्स के वेतन के स्केल यूजीसी के वेतन स्केलों से भी अलग करने जा रही है। जिसका समूह कालेज टीचर्स की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है। राज्य शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने 19 अक्टूबर 2021 को 45 दिनों की भूख हड़ताल को समाप्त करवा कर अध्यापकों की मांगों को मानने के लिए सहमति दी थी, लेकिन अभी तक उस पर कोई काम नहीं हुआ है। इस दौरान पंजाब जोनल सचिव प्रो. अमन ने कहा कि मौजूदा सरकार उच्च शिक्षा के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है। यूजीसी से डीलिक करने के बाद पंजाब व चंडीगढ़ अध्यापक केंद्रीय एजेंसी शिक्षा व खोज से संबंधित सहूलियतों से वंचित रह जाएंगे। इस मौके पर मनोहर लाल कौशल, डा. शशी बाला, प्रो. प्रभु किरन, प्रो. ईशा, प्रो. पूजा, प्रो. ओंकार सिंह, प्रो. विक्रम सिंह, प्रो. प्रशांत सेठी, प्रो. कंवर धालीवाल व अन्य मौजूद थे।