जेल में बंद नशा तस्कर से कोई मिलने नहीं आया तो की आत्महत्या की कोशिश
नशा तस्करी में केंद्रीय जेल में बंद हवालाती से परिवार को कोई सदस्य जब मिलने नहीं आया तो आहत होकर उसने गले की नस काट कर आत्महत्या की कोशिश की।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : नशा तस्करी में केंद्रीय जेल में बंद हवालाती से परिवार को कोई सदस्य जब मिलने नहीं आया तो आहत होकर उसने गले की नस काट कर आत्महत्या की कोशिश की। हवालाती की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोरा पुत्र परमजीत सिंह निवासी देनोवाल खुर्द के रूप में हुई है।
गुरप्रीत 22 मई 2017 से नशे की तस्करी के आरोप में केंद्रीय जेल में बंद है। सिटी पुलिस ने यह मामला सहायक सुपरिटेंडेंट जेल राम किशोर के बयान पर दर्ज किया है।
राम किशोर ने बताया कि आठ नवंबर को गुरप्रीत जोकि बैरक नंबर 18 में बंद है, ने तेजधार चीज से अपने गले की नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। गुरप्रीत को तुरंत जेल के अस्पताल में ले जाया गया और उसका उपचार किया गया। गुरप्रीत ने बताया कि वह इसलिए मरना चाहता है कि वह जब से जेल में बंद है परिवार का कोई सदस्य उससे मिलने नहीं आया है। वह जीना नहीं चाहता। परिवार का कोई सदस्य न मिलने आने के कारण वह परेशान था। गुरप्रीत का मामला अदालत में लंबित है।
गुरप्रीत का पूरा परिवार ही नशे की तस्करी में लिप्त है। उसके पिता परमजीत का कुछ समय पहले देहांत हो गया था। गुरप्रीत की मां परमजीत कौर उर्फ मप्पो पर भी नशे की तस्करी के मामले जेल में बंद थी और कुछ दिन पहले ही जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आई है। गुरप्रीत का बड़े भाई सौरव पर भी तस्करी का मामला दर्ज है। नौ दिन बाद प्रशासन ने दर्ज कराया मामला
गुरप्रीत की ओर से की गई आत्महत्या की कोशिश के मामले में जेल प्रशासन की भूमिका पर सवालिया निशान लग गए हैं। गुरप्रीत ने 8 नवंबर को रात साढ़े दस बजे आत्महत्या की कोशिश की थी, लेकिन एक सप्ताह तक जेल प्रशासन ने चुप्पी साधे रखी। इस मामले में पहले जेल प्रशासन लीपापोती की कोशिश में जुटा रहा और बाद में गुरप्रीत के खिलाफ मामला दर्ज करवाने में भलाई समझी।