प्रकृति के कद्रदान.., नहीं होंगे फूल-पौधों के लिए परेशान
यदि आप प्रकृति प्रेमी तथा फूल व पौधों के कद्रदान हैं तो आपको इनके पौधों व बीजों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। फेसबुक एवं वाट्सअप पर इसके लिए ग्रीनरी ग्रुप्स बनाए गए हैं। इनसे जुड़कर इनको आसानी से मंगवाया जा सकता है। आज के दौर में लोग ऐसे फूलों को ज्यादा पसंद करते हैंजो गुच्छेदार हों।
राज, होशियारपुर : यदि आप प्रकृति प्रेमी तथा फूल व पौधों के कद्रदान हैं तो आपको इनके पौधों व बीजों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। फेसबुक एवं वाट्सअप पर इसके लिए ग्रीनरी ग्रुप्स बनाए गए हैं। इनसे जुड़कर इनको आसानी से मंगवाया जा सकता है। आज के दौर में लोग ऐसे फूलों को ज्यादा पसंद करते हैंजो गुच्छेदार हों। इनमें एक्सो रोड के फूल लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। मूल रूप से यह केरल में पाए जाते हैं, लेकिन अब इसकी खेती देश के कई भागों में की जाने लगी है। इन फूलों को कहीं से भी मंगवाया जा सकता है। इसकी खेती भी की जा सकती है। इसको केवल पौष्टिक मिट्टी की जरूरत होती है। सुंदर और महकदार फूलों के कद्रदान पर्यावरण प्रेमियों ने नई पहल करते देशभर के शहरों से बीज और पौधे मंगवाने की शुरुआत की है। ताकि उन्हें अलग-अलग तरह के बीजों और पौधों को खरीदने के लिए नर्सरी में नहीं जाना पड़े और हर घर हर तरह के फूल खिल सकें। इस पहल की शुरुआत होम गार्डन फेसबुक ग्रुप एवं टेरेस गार्डनिग ने फेसबुक एवं वाट्सअप के जरिए की है। ग्रुप से अब तक 3500 से ज्यादा बार पौधों और बीजों का आदान-प्रदान किया जा चुका है। ग्रीनरी ग्रुप से जुड़ी होशियारपुर निवासी अध्यापिका हरप्रीत कौर ने बताया कि पिछले साल लाकडाउन में जब नर्सरी तक जाना भी संभव नहीं था तब वह धीरे-धीरे आपसी संपर्क को बढ़ाते हुए वे ग्रीनरी ग्रुप से जुड़ीं। होशियारपुर से जम्मू, दिल्ली, रेवाड़ी, मुंबई सहित अनेक शहरों में बीज भेजे अध्यापिका हरप्रीत कौर निशुल्क ही अपने गार्डन में लगे पौधे और उनसे मिलने वाले बीजों को कई जगहों पर भेज चुकी हैं। यहीं नहीं कई जगहों से पौधे और बीज मंगवा भी चुकी है। उन्होंने बताया कि वह ग्वालियर की ममता को लिली के बल्ब, बेबी सन रोज, अपराजिता सहित अन्य पौधे एवं बीज जल्द भेज रही हैं। अब तक वह होशियारपुर से जयपुर दिल्ली, रेवाड़ी, मुंबई सहित अनेक शहरों में फ्री में बीज भेज चुकी हैं। हरप्रीत का कहना है कि वह सोमवार को अमृतसर के गुरप्रीत कौर को अपराजिता प्लांट भेजेंगी। ग्रुप संचालन करने वाले मध्य प्रदेश एमपी के प्रशांत झा का कहना है कि यह शुरुआत इसीलिए की थी, जिन्हें फूलों और प्रकृति से प्यार है, उन्हें किसी भी प्रकार के फूलों, उनके पौधों के लिए इंतजार नहीं करना पड़े। नर्सरी के भाव से कहीं कम दामों पर आदान-प्रदान
जो पोस्ट और कोरियर के जरिए जो बीज और पौधे एक से दूसरे शहरों में भेजे जा रहे है। उनका खर्च 100 से120 रुपये के अंदर अंदर ही आता है। बीज भेजने का खर्च तो और भी कम आता है। जबकि इन बीज एवं पौधों को जब नर्सरी में लेने जाते है, तो वह काफी महंगे होते हैं। यूं होता है आदान प्रदान
ग्रुप सदस्य ग्रुप में अपने गार्डन में खिले फूलों का फोटो, नाम और अन्य जानकारियां सेंड की जाती है। इसे देशभर से जुड़े मेंबर देखते है। किसी को मंगवाना होता है, तो वह संबंधित सदस्य से संपर्क कर मंगवा लेता है। खास बात यह है कि सभी लोग एक-दूजे को निशुल्क ही बीज एवं पौधों का आदान-प्रदान करते है। फूलों की खेती में व इसके बीच के आदान-प्रदान से कई लोगों को रोजगार मिल सकता है। इतना ही नहीं इससे भारी पैसा भी कमाया जा सकता है, देखने में जी साधारण सा काम लगता है, लेकिन इसके लाभ आशा से भी कहीं ज्यादा है, जो लोग फूलों की खेती करते हैं, उन्हें शुरू में जरूर मुश्किल आती है। उन्हें पता नहीं होता कि इसकी मार्केटिग कैसे की जाती है। लेकिन जैसे-जैसे इस में निपुण हो जाते हैं, तूने पता इससे बढि़या और कोई काम नहीं है। फूल हर घर की जरूरत है व हर फंक्शन में इसका प्रयोग किया जाता है। इसलिए इसकी खपत भी अधिक होती है। इसके लिए कोई ज्यादा जमीन की भी जरूरत नहीं पड़ती व कुछ ही अंतराल के बाद फूलों की खेती की कई फसलें ली जा सकती हैं।