तीसरी बार बंटी के परिजन फिर बैठे धरने पर, इस बार भी मिला सिर्फ आश्वासन
गढ़शंकर के गांव सेखोवाल में 11 दिसंबर को हुई युवक हत्या के मामले में पुलिस मुख्य हत्यारोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई।
संवाद सहयोगी, गढ़शंकर : गढ़शंकर के गांव सेखोवाल में 11 दिसंबर को हुई युवक हत्या के मामले में पुलिस मुख्य हत्यारोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। इससे नाराज लोगों ने लोगों ने बंगा चौक में तीसरी बार धरना लगा दिया। युवक के परिजनों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, परंतु परिवार वालों की मांग है कि पुलिस मुख्य हत्यारोपितों को गिरफ्तार करे। चार घंटे धरना दिया गया।
मुख्य आरोपितों को गिरफ्तारी के लिए परिजन पहले भी दो बार धरना लगा चुके हैं। पुलिस ने दोनों बार आश्वासन दिया, लेकिन आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया। हत्या के छह दिन गुजरने के बाद भी मुख्य आरोपित अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। बंटी की हत्या के मामले में हत्यारोपितों को पकड़ने के लिए सेखोवाल के लोगों ने सुबह साढ़े दस बजे बंगा चौक में धरना लगा दिया। इस धरने में अकाली दल के नेता सुरिदर सिंह राठां, कांग्रेस पार्टी की नेता निमिषा मेहता धरने में पीड़ित परिवार का साथ देने के लिए शामिल हुए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बंटी के हत्यारोपितों को न पकड़ पाने के लिए निदा करते हुए कहा कि गढ़शंकर पुलिस कांग्रेस नेता के इशारे पर ढीली कार्रवाई कर रही है। प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए होशियारपुर पुलिस के एसपी डी धर्मवीर सिंह, डीएसपी गढ़शंकर सतीश कुमार, एसएचओ गढ़शंकर बलविदर सिंह पहुंचे। मौके पर एक बार फिर आश्वासन देने का काम शुरू कर दिया गया, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस ने एक बार फिर गिरफ्तारी के लिए तीन दिन का समय मांग धरना हटा दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि वीरवार तक आरोपितों को नहीं पकड़ा तो फिर धरना दिया जाएगा। इस बार जो धरना लगेगा, उसमें किसी आश्वासन की गुंजाइश नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक हत्यारोपित पकड़े नहीं जाते तब-तक बंटी का संस्कार नहीं किया जाएगा। बंटी की हत्या के पीछे दो साल पुरानी रंजिश
बंटी हत्याकांड के पीछे की रंजिश दो साल पहले एक विवाह में डीजे पर मनपसंद गाना लगाने से शुरू हुई थी। मनपसंद गाना लगाने को लेकर दोनों पक्षों में मामूली विवाद हो गया था। शादी समारोह में युवक डीजे पर भंगड़ा डाल रहे थे, इस दौरान किसी गाने की डिमांड को लेकर अजय कुमार की कुछ युवकों के साथ तकरार हो गई थी। इस समारोह में बंटी तो उपस्थित नहीं था, लेकिन उस समारोह में बंटी का एक नजदीकी रिश्तेदार मौजूद था। जब विवाद बढ़ा तो बंटी भी इस विवाद में आ गया। इस विवाद को लेकर इलाके में दो गुट बन गए। इसी रंजिश के कारण उनकी आपस में तकरार शुरू हो गई। लोगों ने कई बार दोनों गुटों में राजीनामा कराने की कोशिश भी की थी पर राजीनामा नहीं हो पाया। इस विवाद में शामिल युवाओं ने हत्या से कुछ दिन पहले बंटी को पिस्तौल दिखाकर डरा धमकाया था। इसके बाद महिदर सिंह के साथ कहासुनी हुई। नौ दिसंबर को महिदर ने बंटी की मां से की थी मारपीट
इसी रंजिश में नौ दिसंबर को बंटी की मां के साथ महिदर सिंह व उनके बेटों ने घर में घुसकर उसकी मां का हाथ तोड़ दिया और फिर 11 दिसंबर को इन्हीं लोगों ने बंटी के घर घुसकर उसकी हत्या कर दी थी। लोगों का कहना है कि इस हत्या का कारण बीनेवाल पुलिस चौकी प्रभारी की लापरवाही रही है, क्योंकि जब बंटी की मां से मारपीट की गई तो आरोपितों पर कार्रवाई नहीं की गई। इसी वजह से बात बंटी की मौत तक पहुंच गई। नगर कौंसिल प्रधान की जेब कटी.
धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए गढ़शंकर नगर कौंसिल प्रधान राजिदर सिंह शूका की भीड़ में किसी जेब कतरे ने हाथ साफ कर दिया जिसमें नकद राशि के अलावा जरूरी कागजात भी थे। वह कहते नजर आए कि उनके कागजात वापस लौटा दो। एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे कांग्रेस नेता व अकाली
धरने में राजनीति करने पर निमिषा मेहता ने अकाली नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसी मां के बेटे की मौत पर राजनीति न करे क्योंकि यह राजीनीतिक स्टेज नहीं है वह यहां राजनीतिक रोटियां सेंकने से बाज आए। इस पर अकाली दल के समर्थक उनके विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। पर निमिषा मेहता पीड़ित परिवार के साथ बैठकर प्रदर्शन स्थल पर उपस्थित रही। वही धरने प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए लोग भी अकाली दल नेताओं द्वारा नशे पर दिए भाषण को लेकर रोष व्यक्त करते नजर आए उनका भी कहना था कि यहां नशा का नही मृतक बंटी के हत्यारोपितों को गिरफ्तार करने का मुख्य मामला है।