पांच हजार के स्टांप पेपर हो रहा इकरारनामा
मुकेरियां तहसील परिसर मुकेरियां में छोटे स्टांप पेपरों की कमी से लोग परेशान हैं।
सचिन शर्मा, मुकेरियां: तहसील परिसर मुकेरियां में छोटे स्टांप पेपरों की कमी से लोग परेशान हैं। छोटे स्टांप पेपर की कमी के चलते लोगों को लूट मजबूरन बड़े स्टांप पेपर लगाकर काम करवाना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि सौ रुपये, पांच सौ रुपये व एक हजार रुपये तक के स्टांप बिलकुल नहीं मिल रहे हैं। जानकारी के अनुसार 50 रुपये से एक हजार रुपये तक के स्टांप पेपर हलफनामा, बैंक समझौता, इकरारनामा, जेवर, तबादला, गोदनामा, तक्सीमनामा आदि के लिए प्रयोग किया जाता है। इकरारनामा पर चार हजार रुपये का स्टांप पेपर लगाने की कीमत फिक्स की है, लेकिन छोटे स्टांप न होने के कारण मजबूरन पांच हजार रुपये का स्टांप पेपर लगाना पड़ रहा है। ऐसे ही कई दस्तावेज हैं जिन के लिए पांच हजार से कम स्टांप लगाना पड़ता है। छोटे स्टांप न होने के कारण विवश हो कर पांच हजार का ही स्टांप लगाना पड़ रहा है, जिससे जनता से आर्थिक लूट हो रही है। 20 हजार से कम लगने वाला स्टांप पेपर अष्टाम फरोशों से मिलता है, तो 20 हजार से ज्यादा अष्टाम फरोश ई स्टैंप के जरिए ऑनलाइन बना कर देते हैं। अगर किसी व्यक्ति का 12 हजार रुपए रजिस्ट्री पर स्टांप का खर्च लगता है, तो उसे पांच-पांच हजार के तीन स्टांप पेपर लगाकर आर्थिक लूट का शिकार होना पड़ता है। उधर, इस संबधी खजाना अधिकारी कुलदीप सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि स्टांप पेपर की कमी पूरे पंजाब में है। कोरोना के चलते पेपर नहीं आ रहे हैं। छोटे स्टांप पेपर आने पर अष्टाम फरोशों को वितरित कर दिए जाएंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने भी कहा है कि 15 अगस्त तक सभी स्टांप पेपर आ जाएंगे और जनता समस्या का हल हो जाएगा।