शादी से लौट रहे बाइक सवार तीन युवक, पशु आगे आने से बिगड़ा बैलेंस, एक की मौत
तलवाड़ा- मुकेरिया रोड पर मोटरसाइकिल व गाय के बछड़े के साथ हुई टक्कर में बाइक सवार युवक की मौत हो गई।
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा: सोमवार की रात किसी रिश्तेदार की शादी से लौट रहे तीन युवकों की बाइक बीच सड़क पशु आने से अनियंत्रित होकर गिर गई। हादसा तलवाड़ा सेक्टर तीन के पास तलवाड़ा-मुकेरियां रोड पर अड्डा आइटीआई मोड के पास हुआ। तीनों ने हेल्मेट नहीं पहन रखा था, जिससे तीनों को गंभीर चोटें आई। आसपास के लोगों ने घायलों को बीबीएमबी अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान एक युवक ने दम तोड़ दिया, जबकि बाकी खतरे से बाहर हैं।
मृतक की पहचान शुभम (25) पुत्र गुरमीत सिंह निवासी संसारपुर के रूप में हुई है, जबकि शुभम का चचेरा भाई गुरदीप सिंह उर्फ राजा व दोस्त राजेश कुमार घायल हैं। मृतक शुभम आइटीआइ पास आउट था और अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था।
मृतक शुभम के पिता गुरमीत सिंह निवासी संसारपुर ने बताया कि सुभम उसका उसका इकलौता बेटा था। बेटा शुभम सोमवार को अपने रिश्तेदार के विवाह समारोह में ब्कॅक तलवाड़ा के गांव रजवाल में से भाग लेने के पश्चात अपने गांव संसारपुर को मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने चचेरे भाई गुरदीप सिंह उर्फ राजा व दोस्त राजेश कुमार के साथ वापस लौट रहा था। रात दस बजे के करीब जब वह तलवाड़ा- मुकेरियां रोड से होकर तलवाड़ा के सेक्टर नंबर तीन के करीब गुजर रहे थे। इस दौरान सड़क पर अचानक एक बेसहारा पशु आ गया। अंधेरा होने की वजह से पता न चलने से उनका मोटरसाइकिल पशु से जा टकराया। मोटरसाइकिल असंतुलित होकर गिर गया। हादसे में शुभम व अन्य दो लड़के भी जख्मी हो गए। आसपास के लोगों ने घायलों को बीबीएमबी अस्पताल पहुंचाया, जहां पर इलाज के दौरान शुभम ने दम तोड़ दिया। चूंकि शुभम के सिर पर गंभीर चोट लगी थी। राजा व राजेश के भी गंभीर चोटें लगी हैं। दोनों का इलाज चल रहा है। थाना प्रभारी तलवाड़ा भूषण सेखड़ी ने बताया कि सड़क हादसे की सूचना मिलते ही तुरंत बाद ही एसआइ धरमिदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस पार्टी मौके पर पहुंच गई थी। घायलों को अस्पताल पहुंचाया था, लेकिन सिर में चोट लगने की वजह से शुभम की मौत हो गई।
जागे प्रशासन तो मौत की नींद नहीं सोएंगे लोग
बेसहारा पशुओं से लोगों की जान खतरे में है। प्रशासन अंजान बना है। सोमवार रात ही नहीं, इससे पहले भी कई लोगों ने पशुओं के आगे आने से अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। कुछ चोटिल हो चुके हैं। सड़कों पर बेसहारा पशुओं को लेकर जिला प्रशासन अगर इसी तरह से उदासीन रहा तो भविष्य में भी लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा।
बेसहारा पशुओं की वजह से हो चुके कई हादसे
--होशियारपुर में करीब दो हफ्ते पहले शहर के युवक राजीव की कार से भी दो लावारिस पशु टकरा गए। इससे उनकी कार का काफी नुकसान हुआ था।
--दस दिन पहले सुतैहरी रोड पर दो सांड आपस में भिड़ते हुए एक दुकान में जा घुसे जिससे दुकान का काफी नुकसान हुआ।
--एक महीना पहले भी बस स्टैंड चौक में दो सांड भिड़ने से चौक में स्थित दो दुकानों का नुकसान हुआ था।
--दो माह पहले नलोइयां चौक में मोटरसाइकिल से लावारिस सांड टकरा गया था। इससे अज्जोवाल निवासी युवक की मौत हो गई थी।
-- करीब दो साल पहले टांडा में कार के आगे लावारिस सांड आ गया था। इससे कार सवार मां-बेटी की मौत हो गई थी।
-दस माह पहले गांव ढोलनवाल के समीप लावारिस सांड की चपेट में आने से किसान की मौत हो गई थी।
-करीब तीन साल पहले शहर के सरकारी कालेज चौक के पास सांड से खंडी देवी को पटक दिया था। इससे उसकी मौत हो गई थी। प्रशासन को उठाना होगा कदम
एक्सीडेंट से बचाने के लिए प्रशासन को कदम उठाने के लिए पहल करनी होगी। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को प्रेरित करना होगा। बेसहारा पशुओं के गले में रेडियम वाला पट्टा पहनाने की जरुरत है ताकि जब पशु सड़कों पर आएं तो उनके बारे में पता चल सके। ऐसा प्रयास करके काफी हद तक हादसों को रोका जा सकता है।