मरणोपरांत दो जिंदगियों को रोशन कर गई परमजीत कौर
माउंट एवेन्यू कालोनी निवासी परमजीत कौर जिन्होंने शारीरिक रुप से अक्षम हो गई थीं।
जागरण टीम, होशियारपुर : माउंट एवेन्यू कालोनी निवासी परमजीत कौर, जिन्होंने शारीरिक रुप से अक्षम होते हुए भी अपनी सारी उम्र नेत्रदान जागरुकता अभियान को समर्पित की और संसार से जाने के बाद अपनी आंखें दान देकर इस अलख को जगाए रखने का संदेश दिया। यह विचार रोटरी आई बैंक एवं कार्निल ट्रांसप्लांट सोसायटी के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने स्व. परमजीत कौर के नेत्रदान लेने की प्रक्रिया दौरान उनके पारिवारिक सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए व्यक्त किए। इस मौके पर अरोड़ा ने बताया कि 1998 में परमजीत कौर मुंबई में एक हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गईं थी और इनकी रीढ़ में चोट के कारण यह चलने-फिरने में असमर्थ हो गईं थी, क्योंकि हादसे के बाद इनके शरीर के गर्दन के नीचे के सारे हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन फिर भी इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इनकी देखभाल करने वाली महिला के सहयोग से लोगों को फोन पर जागरुक करती थीं। इतना ही नहीं व्हीलचेयर पर सैर करवाते समय भी वह लोगों से बातचीत दौरान उन्हें नेत्रदान के लिए ही प्रेरित करती थीं।
इस मौके पर जेबी बहल ने परमजीत कौर को पवित्र आत्मा की संज्ञा देते हुए उन्हें प्रणाम किया। इस मौके पर थिद आई अस्पताल जालंधर से नेत्रदान विशेषज्ञ डा. सौरव मित्तल व उनकी टीम ने नेत्रदान लेने की प्रक्रिया पूरी की। इस अवसर पर परमजीत कौर के पारिवारिक सदस्य पिता रत्न सिंह, माता गुरमेल कौर, बेटा नवजोत सिंह, मामा भूपिदर सिंह, जगदेव राणा, मनजीत कौर, सोनू कुमार के अलावा संस्था की तरफ से कुलदीप राय गुप्ता, राजिदर मोदगिल, अमित नागपाल आदि भी मौजूद थे।