मस्तीवाल गोलीकांड : सात दिन बीते, कोई भी गिरफ्तार नहीं
मस्तीवाल रोड पर गोलीकांड के मंगलवार को सात दिन बीतने के बाद भी पुलिस आरोपितों का पता लगाने में नाकामयाब साबित हुई है।
संवाद सहयोगी, गढ़दीवाला : मस्तीवाल रोड पर गोलीकांड के मंगलवार को सात दिन बीतने के बाद भी पुलिस आरोपितों का पता लगाने में नाकामयाब साबित हुई है। जख्मी हुई बेकसूर सात वर्षीय लड़की रागिनी के परिवार को पुलिस जांच का दिलासा तो दे रही है, पर सच्चाई यह है कि पुलिस के हाथ अभी तक कुछ नहीं लगा है। यह अपने आप में बड़ा सवाल पुलिस की कार्यप्रणाली को कटघरे में लाकर खड़ा कर रहा है। हालांकि कुछ अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, लेकिन गोली किसने चलाई और गोली चलाने का मकसद क्या था इस बात का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इसके कारण गोलीकांड अभी रहस्य बना हुआ है। पिछले साल भी इसी रोड पर कुछ अज्ञात लोगों ने गोलियां चलाई थी जिसका भी कोई सुराग नहीं लग सका। अगर कानून के हाथ जल्द ही गोलीकांड को अंजाम देने वाले लोगों तक नहीं पहुंचे तो हवा में फायर करने वाले ऐसे शौकीनों के हौसले और भी बुलंद हो सकते हैं जो किसी की भी जान को जोखिम में डाल सकते हैं।
यह है मामला
मस्तीवाल रोड पर स्थित झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले मजदूर सुरिदर पुत्र राम प्रवेश वासी मनापूर्वा थाना सुरसा जिला हरदोई (उत्तर प्रदेश) की पत्नी सुनीता और सात वर्षीय बेटी रागिनी खाना खाने के बाद रात को सड़क के किनारे सैर कर रही थी। इसी दौरान रात लगभग 10 बजे के करीब गढ़दीवाला से एक गाड़ी आई और झुग्गी के नजदीक गाड़ी में सवार लोगों ने हवाई फायर किए जिनमें से एक गोली सात वर्षीय रागिनी के बाएं कंधे में लग गई। रागिनी को जख्मी हालत में पहले सिविल अस्पताल होशियारपुर भर्ती करवाया गया, उसके बाद पीजीआइ चंडीगढ़ रैफर किया गया। यहां रागिनी को दो दिन के उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उधर, पुलिस का कहना है कि इस मामले की तफ्तीश जारी है। लेकिन पुलिस के हाथ दोषियों के गिरेबां तक कब पहुंचेंगे यह अभी भी बड़ा सवाल बनाकर लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
पीड़ित परिवार ने लगाई इंसाफ की गुहार
उधर, पीड़ित परिवार ने इस मामले में कसूरवार लोगों को जल्द पकड़ कर इंसाफ की गुहार लगाई है। दूसरी ओर, गोलीकांड के आसपास गांवों में दहशत का माहौल बरकरार है। लोगों में जहां पुलिस के खिलाफ रोष पनप रहा है वहीं हर जगह यही बात हो रही है कि सुरक्षा का दावा करने वाले सरकार के नुमाइंदे अब कहां छिपे बैठे हैं। लोगों ने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्य का पालन कर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभाने के लिए आगे आएं।