बरसात के दिनों में रखें अपना खास ख्याल : डॉ. हर¨मदर ¨सह
दातारपुर चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी के बाद बरसात का आगमन हो चुका
सरोज बाला, दातारपुर
चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी के बाद बरसात का आगमन हो चुका है। बरसात कृषि, देश की अर्थ व्यवस्था और राष्ट्र की समृद्धि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बारिश की फुहारें जहां आनंदित करती हैं, वहीं इससे पैदा हुई उमस और कई मौसमी बीमारियों से कई समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस बारे में दैनिक जागरण ने हाजीपुर अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. हर¨मदर ¨सह से बात की। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में प्राय: मलेरियां, डेंगू, चिकनगुनिया, डायरिया, हैजा, उल्टी, बुखार तथा अन्य संक्रामक रोग आसानी से होते हैं। क्योंकि मौसम बार-बार करवटें बदलता है। इनके फैलने का कारण बासी भोजन, बाहर का खाना आदि प्रमुख कारण होते हैं।
डॉ. हर¨मदर ¨सह ने कहा उक्त सभी रोगों से बचाव के लिए पानी को हमेशा उबाल कर ही पीना चाहिए। फल तथा सब्जियां ताजी और साफ पानी में अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग में लानी चाहिए। डॉ. ¨सह ने कहा भोजन करने से पहले हाथों को साबुन से धोना चाहिए। हाथों के नाखून नियमित काटने चाहिए। बरसात के मौसम में मांस-मछली तथा अन्य भारी भोजन नहीं करना चाहिए और हलका सुपाच्य खाना ही लेना चाहिए। उन्होंने कहा मौसमी फल जैसे जामुन को नमक लगाकर खाना चाहिए। आम के फल खाने चाहिए। नींबू का ज्यादा प्रयोग करना जरूरी है।
डॉ. हर¨मदर ने कहा कि चाय में तुलसी के पत्तो का सेवन जरूर करें। रोगों से बचाव होगा। बरसात में दही का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हरे पत्तों वाली सब्जी नहीं खानी चाहिए। क्योंकि इन पर कई प्रकार के कीट चिपके होते हैं। परांठा, समोसा, खुले में बिकने वाले बर्गर व गन्ने के रस भी नहीं सेवन करना चाहिए। घर का बना हुआ ताजा और ढका हुआ भोजन करना श्रेष्ठ है। घरों के चारों ओर सफाई रखें व कीटनाशक स्प्रे करें। उन्होंने कहा इस मौसम में मक्खी-मच्छर से बचाव जरूरी है, क्योंकि ऊपर कहे सभी रोग इन्हीं की देन होते हैं। इसलिए घरों के चारों तरफ सफाई रखें, ताकि यह वहां पनप न सकें, इन्हें नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों का स्प्रे करें। साफ-सुथरे और सूती वस्त्र पहनें।
डॉक्टर ने कहा कि पूरी बांह के कपड़े पहनें। रात को मच्छरदानी का इस्तेमाल करें या ऑल आउट लगाएं। उन्होंने कहा बरसात में खांसी, जुकाम, फ्लू आदि होते हैं, लेकिन परहेज से पूरे परिवार को रोग मुक्त रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस मौसम में चमड़ी के कई रोग भी होते हैं, इसलिए नहा कर साफ और सूती वस्त्र पहनें। उन्होंने कहा कोई भी समस्या हो, तो चिकित्सक से संपर्क करें।