अब गरीबों का दर्द दूर करेगा श्रीरामचरित मानस
होशियारपुर समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहा श्रीरामचरित मानस प्रचार मंडल म
हजारी लाल, होशियारपुर
समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहा श्रीरामचरित मानस प्रचार मंडल मानस का हमदर्द बनकर उभरा है। अब यह गरीब मरीजों के दर्द को दूर करेगा।
स्वस्थ समाज का बीड़ा उठाते हुए श्रीरामचरित मानस ने अब गरीबों को मुफ्त में दवाएं उपलब्ध करवाने का अनोखा प्रयास शुरू किया है। चांद नगर बहादुरपुर स्थित राम भवन में गरीब मरीजों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ड्रग बैंक खोला गया है। ड्रग बैंक में लोग एवं मरीज बची दवाओं को जमा करवाएंगे। उसके बाद ये दवाएं गरीब मरीजों को दी जाएंगी।
श्रीरामचरित मानस प्रचार मंडल के अध्यक्ष समाजसेवी हरीश सैनी के मुताबिक उन्होंने यह एहसास किया है कि गरीब मरीज पैसे के अभाव में दवाएं नहीं खरीद पाते हैं। इसलिए उन्होंने राम भवन में ड्रग बैंक खोलने का निर्णय लिया। नए साल के अवसर पर ड्रग बैंक की शुरुआत कर दी गई है। बहुत लोगों के पास इलाज के बाद दवाएं बच जाती हैं। ऐसे लोग सुबह नौ बजे से लेकर छह बजे तक बची दवाएं ड्रग बैंक में जमा करवा सकते हैं। इन दवाओं की लिस्ट हर शनिवार को रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉ. अजय बग्गा तैयार करेंगे। इसके बाद इन दवाओं को सिविल अस्पतालों में दाखिल गरीब मरीजों को दिया जाएगा। ड्रग बैंक के पास दानी सज्जनों की मदद से लगभग 85 हजार का फंड भी है। यह फंड सरकारी अस्पतालों में उपचाराधीन उन मरीजों की दवाओं पर खर्च किया जाएगा, जो पैसे के अभाव में दवाएं खरीदने में असमर्थ होते हैं। ड्रग बैंक का कामकाज रिटायर्ड बैंक मैनेजर तिलक राज वर्मा देखेंगे और उनका इस काम में सुनील प्रिय साथ देंगे।
-----------------
फोन करने पर घर से कलेक्ट होंगी दवाएं
यदि किसी के घर में दवाएं पड़ी हैं और राम भवन में जाकर दवाएं नहीं दे सकता है, तो वह मंडल को फोन करे। फोन के बाद मंडल के सदस्य उस व्यक्ति के घर में जाकर दवाएं कलेक्ट करके उसे ड्रग बैंक में जमा करेंगे। उन दवाओं को व्यर्थ न गंवाते हुए गरीब मरीजों को दिया जाएगा।
------------------
गरीब मरीजों के काम लाएं दवाएं : डॉ. बग्गा
ड्रग बैंक को सिरे चढ़ाने में रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉ. अजय बग्गा का बड़ा सहयोग है। उनका कहना है कि बहुत सारे लोग बीमारी की अवस्था में दवाएं खरीद लेते हैं। बाद में ये दवाएं ठीक होने के बाद घर में ही पड़ी रहती हैं। ऐसे लोगों से अनुरोध है कि वे दवाओं को व्यर्थ न गवाएं बल्कि उसे ड्रग बैंक में जमा करवाकर गरीब मरीजों के काम लाएं। क्योंकि बहुत सारे मरीज पैसे के अभाव में दवाएं नहीं खरीद पाते हैं। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर को श्रीरामचरित मानस की ओर से जन औषधि केंद्र भी खोला गया है, जहां से सस्ते दाम पर उपलब्ध करवाई जाती हैं।
----------------
और संस्था बन गई समाजसेवा का मिशन
धार्मिक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए वर्ष 1976 में संस्था श्रीरामचरित मानस प्रचार मंडल का गठन किया गया था। उस समय मंडल के प्रधान राम प्रकाश अग्रवाल थे। मंडल के पदाधिकारी शहर में उस समय घरों में कीर्तन करते थे। कीर्तन से होने वाली आमदन से धार्मिक प्रचार-प्रसार किया जाता था। यूं कहें कि मंडल पूरी तरह से धार्मिक कार्यो को समर्पित था। वर्ष 1986 की बात है, हरीश सैनी भी मंडल के सदस्य बनें और वह सक्रिय भूमिका में आए। उनकी सक्रियता को देखते हुए मंडल ने उन्हें प्रधान बनाने का फैसला किया। वर्ष 1996 में सैनी को प्रधान की कमान सौंपी गई। इसी बीच, सैनी ने सोचा कि क्यों न मंडल को सामाजिक कार्यो में भी लगाया जाए। ठीक वही हुआ, सोच बनी तो रास्ते भी बने। सैनी ने मंडल की तरफ से एक शव वाहन होने का सपना संजोया। उसके लिए उन्होंने पैसे जुटाने का जुगाड़ शुरू किया। वर्ष 2000 में सैनी का प्रयास रंग लाया। वाहन के लिए मंडल की तरफ से पुराना वाहन खरीदा गया और पूर्व सांसद चरणजीत ¨सह सन्नी से 3.50 लाख रुपये का फंड लेकर शव वाहन की व्यवस्था कर दी गई। इस मिशन में सैनी के दोस्त रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉ. अजय बग्गा ने भी सराहनीय भूमिका निभाई।
इसके बाद मंडल ने सामाजिक कार्यो के लिए पीछे मुड़कर नहीं देखा। खुद के बल पर बहादुरपुर चांद नगर में जमीन खरीदी और राम भवन खड़ा कर दिया। दृढ़ इच्छा का ही नतीजा है कि आज मंडल के पास अपनी दो एंबुलेंस हैं। शवों को रखने के लिए चार रेफ्रीजेटर हैं और दो शव वाहन हैं। और तो और मंडल की ओर से हर रामनवमी के अवसर पर गरीब कन्याओं का विवाह भी करवाया जाता है। हर माह जरूरतमंदों के लिए राशन वितरण समारोह भी होता है। साथ ही राम भवन में नि:शुल्क डिस्पेंसरी भी चलाई जा रही है।