घाटे में चल रही पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी
कर्फ्यू खत्म होने के बाद सरकार ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार बसें चलाने की अनुमति तो दे दी लेकिन यात्री न मिलने से पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी लगातार घाटे में चल रही है।
सतीश कुमार, होशियारपुर
कर्फ्यू खत्म होने के बाद सरकार ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार बसें चलाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन यात्री न मिलने से पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी लगातार घाटे में चल रही है। होशियारपुर डिपो से सोमवार से पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी की बसें कुछ रूटों पर चल रही हैं, लेकिन इससे तेल का खर्च भी नहीं निकल रहा है। हर रूट पर मुश्किल से 10 से 12 यात्री मिल रहे हैं, जो नाकाफी हैं। शनिवार को दस बसें होशियारपुर से रवाना हुई।
अड्डा इंचार्ज भुपिदर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते पंजाब में पिछले दो माह से ज्यादा समय से बंद चल रही पंजाब रोडवेज की बस सेवा मंगलवार को शुरू की गई। मगर चार दिन से एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब बस स्टैंड पर सवारियों को सीट के लिए या फिर टिकट के लिए मारामारी करनी पड़े।
उन्होंने बताया कि जिन काउंटरों से दो-दो मिनट बाद बसें चलती थी, वहां से अब दो घंटे बाद भी बस नहीं निकल रही है। सुबह से शाम तक होशियारपुर डिपो से केवल दस बसें ही निकली हैं और वह भी केवल 243 सवारियां लेकर।
किस रूट पर गई कितनी बसें
शनिवार को छह बसें जालंधर के लिए रवाना हुई। पहली बस में 25 सवारियां, दूसरी बस 27 सवारियां, तीसरी बस में 22 सवारियां, चौथी बस में 26 सवारियां, पांचवीं बस में 21 सवारियां और आखिरी बस में 22 सवारियां गई। दो बसें चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई। पहली बस सुबह में 23 सवारियां, दूसरी बस में 25 सवारियां, दो बसें लुधियाना के लिए गई। एक बस में 23 सवारियां और दूसरी बाद दोपहर गई जिसमें 16 सवारियां थीं। एक बस पठानकोट के लिए गई, जिसमें 14 सवारियां थी। एक बस दसूहा गई, जिसमें 17 सवारियां थीं। बसों का खर्च भी नही हो रहा पूरा
पीआरटीसी बस परिचालक जो कि लुधियाना से बस लेकर होशियारपुर पहुंचा था ने बताया कि बस में केवल 14 सवारियां लेकर होशियारपुर के लिए निकले थे। रास्ते में टोल पर्ची 680 रुपये, 195 रुपये अड्डा पर्ची, 38 लीटर तेल करीब 2400 रुपये और 14 सवारियों से किराया मिला केवल 1400 रुपये। मुकेरियां के लिए सात बसें शाम को रवाना
होशियारपुर डिपो से मुकेरियां के लिए शनिवार शाम को एक साथ सात बसें रवाना हुई। वह भी खाली, क्योंकि मुकेरियां से मजदूरों को लेकर कुछ बसें जालंधर जाएगी और कुछ होशियारपुर यहां से ट्रेन के रास्ते उन्हे आगे पहुंचाया जाएगा।