आधा किलोमीटर दूर थाना, रोड बना मयखाना
शहर में अब तो सड़कों पर भी अवैध शराब बिक्री होती है बिक्री ही नहीं होती बल्कि सड़कों पर जाम से जाम टकराए जाते हैं और इन पर अंकुश लगाना नामुमकिन हो गया है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : शहर में अब तो सड़कों पर भी अवैध शराब बिक्री होती है, बिक्री ही नहीं होती बल्कि सड़कों पर जाम से जाम टकराए जाते हैं और इन पर अंकुश लगाना नामुमकिन हो गया है। यह हालात सबसे घातक तब हो जाते हैं जब यह सारा गोरखधंधा पुलिस थाने से चंद कदमों के फासले पर चल रहा हो। यह थाना है थाना मॉडल टाउन। इस थाने से चंद कदमों के फासले पर पड़ते जस्सा सिंह रामगढि़या चौक से लेकर बस्सी जाना तक हर शाम सड़क के किनारे रेहड़ियां लगती हैं और इन रेहड़ियों की आड़ में अवैध तौर पर शराब पिलाने व बेचना के धंधा जोरों पर है। वैसे तो यह रेहड़ियां चिकन व उबले हुए अंडों की बिक्री के लिए लगाई जाती हैं, लेकिन इनकी आड़ में हर शाम शराब के जाम टकराते आम देखे जा सकते हैं। लोग आते हैं, गाड़ियां एक तरफ पार्क करते हैं और रेहड़ी के मालिक को ऑर्डर दे दिया जाता है, गाड़ियों में आर्डर के अनुसार सामान पहुंच जाता है और वहीं पर जाम टकराने शुरु कर दिए जाते हैं। शराब के शौकीनों का रुख शाम को अकसर इसी रोड की तरफ होता है। यही नहीं यदि शराब ग्राहक के पास नहीं भी हो तो इन रेहड़ियों से ही शराब मिल जाती है।
कुछ साल पहले बढ़ रही ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए जस्सा सिंह रामगढि़या चौक से लेकर भंगी चोअ पुल तक सर्विस लेन बनाई गई थी। ताकि ट्रैफिक की समस्या से राहत मिल सके और हादसों पर भी अंकुश लग सके, लेकिन यह सर्विस रोड का लाभ आज तक आम लोगों को नहीं मिला। यह सर्विस लेन अतिक्रमण का शिकार होकर रह गई। चूंकि इस रोड पर ज्यादातर दुकाने रिपेयरिग की हैं इसलिए दिन के समय इस रोड पर मकैनिक वाहनों की रिपेयर करते हैं और शाम ढलते ही इस सर्विस लेन पर रेहड़ियां लग जाती हैं और यह सर्विस लेन महखाने में तबदील हो जाती है। जहां हर रोज सरेआम अवैध शराब की धड़ल्ले से बिक्री होती है। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन ने करोड़ों रुपए खर्च तो किए लोगों की सहुलियत के लिए परंतु सहुलियत दिन के समय दुकानदार लेते हैं और सूरज ढलने के बाद यह सहुलियत रेहड़ी चालक व शराब के शौकीन लेते हैं। एसएसपी गौरव गर्ग का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है। जल्द ही ऐसे रेहड़ी चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। जेबें गर्म करने का चक्कर
बात पुलिस तंत्र की हो तो यह सारा खेल यदि यह कहकर टाल दें कि पुलिस को इसकी भनक नहीं है तो गलत होगा। चूंकि थाने से चंद कदमों की दूरी पर लगभग 20 से अधिक रेहड़ियां लगाकर यह धंधा चलता है। इसके बाद यह कहा जाए कि पुलिस को कुछ पता नहीं है तो यह तर्क गलत होगा। सूत्रों की माने तो पुलिस को इसके बारे में भलीभांति सारी जानकारी है लेकिन अपनी जेबें गर्म करने के चक्कर में कभी इन पर कार्रवाई हुई ही नहीं है। सब मिलीभगत का खेल
कहने को तो यह रेहड़ियां चिकन व अन्य खाद्य पदार्थों की लगती है परंतु इन पर शराब बेचने व शराब पीने का काम ही होता है। कुल मिलाकर यह सारा खेल पुलिस की मिलीभगत से ही होता है चूंकि थाने से चंद कदमों की दूरी पर सरेआम शराब परोसने के काम करना मुश्किल ही नामुमकिन है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जस्सा सिंह रामगढि़या चौक में पुलिस के मुलाजिम भी तैनात रहते हैं और उनका भी कभी इस तरफ ध्यान नहीं गया।