महात्मा बुद्ध के त्यागपूर्ण जीवन से लेनी चाहिए प्रेरणा : गिरिधर शर्मा
वशिष्ठ भारती इंटरनेश्नल स्कूल दातारपुर में बौद्ध पूर्णिमा के अवसर पर विद्यालय निर्देशक गिरिधर शर्मा व प्रबंधक कपीश शर्मा की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : वशिष्ठ भारती इंटरनेश्नल स्कूल दातारपुर में बौद्ध पूर्णिमा के अवसर पर विद्यालय निर्देशक गिरिधर शर्मा व प्रबंधक कपीश शर्मा की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गिरिधर शर्मा ने बताया कि महात्मा बुद्ध के त्यागपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा हर साल वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध को बोधगया में ज्ञान प्राप्त हुआ था। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था। गिरिधर शर्मा ने कहा कि बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। उनका जन्म लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। बुद्ध को बिहार के बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई। उन्होंने अपना पहला उपदेश वाराणसी के पास सारनाथ में दिया था।
बुद्ध को कुशीनगर में महापरिनिर्वाण अर्थात मोक्ष की प्राप्ति हुई। गौतम बुद्ध का जन्म ईसा पूर्व छठी शताब्दी में हुआ था। कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन की पत्नी माया ने लुंबिनी नाम के वन में एक पुत्र को जन्म दिया था। उस पुत्र का नाम सिद्धार्थ रखा गया। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ गौतम ने आगे चलकर बौद्ध धर्म की स्थापना की और महात्मा बुद्ध कहलाए। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए चित्रकला तथा निबंध इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। प्रधानाचार्य दिनकर पराशर ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जन्म दिवस, ज्ञान प्राप्ति तथा मृत्यु के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है, ये बौद्ध धर्म का प्रमुख त्यौहार है। ये हर साल को वैशाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें भगवान बुद्ध के ''अष्टांग मार्ग व अहिसा के मार्ग पर चलने का संकल्प ग्रहण करना चाहिए। इस अवसर पर अनु शर्मा , सुरेश सिंह , मधु बाला , मंजु ठाकुर , दलजीत कौर, संतोष शर्मा, रेणु ठाकुर, सरोज वाला सहित समूह स्टाफ उपस्थित रहा।