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अरणी मंथन से नवकुंडीय श्री चंडी महायज्ञ का शुभारंभ

अरणी मंथन में नवकुंडीय श्री चंडभ् महायज्ञ करवाया। संवाद सहयोगी दातारपुर ब्रह्मलीन महंत कृष्ण गिरी की पुण्यतिथि के

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 05:10 PM (IST)
अरणी मंथन से नवकुंडीय श्री चंडी महायज्ञ का शुभारंभ
अरणी मंथन से नवकुंडीय श्री चंडी महायज्ञ का शुभारंभ

संवाद सहयोगी, दातारपुर : ब्रह्मलीन महंत कृष्ण गिरी की पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में नौ कुण्डीय श्री चंडी महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। सबसे पहले पीतांबर वस्त्र धारी यजमान दंपतियों का नेतृत्व करते हुए महंत राज गिरी जी ने आचार्यों के सहित सुबह साढ़े आठ बजे घंटानाद, शंखनाद एवं जयकारों की तुमुल ध्वनि के बीच यज्ञ शाला में प्रवेश किया। यज्ञाचार्य सुदर्शन ऐरी व अजय शास्त्री के नेतृत्व में विद्वानों ने वेदिका पूजन स्वस्तिवाचन, नवग्रह पूजन आदि प्रक्रियाओं के बाद अरणी मंथन किया गया। अग्नि देव के प्राकट्य के बाद सभी देवताओं का आह्वान किया गया। तदनंतर दुर्गासप्तशती के मंत्रों की तरफ से हवनकुंड में आहुतियां प्रदान करने का सिलसिला शुरू हुआ। इस अवसर पर महंत राज गिरी जी ने कहा यज्ञ एक श्रेष्ठ कर्म है और इसे हरेक मनुष्य को करना चाहिये उन्होंने कहा यज्ञ से पर्यावरण की शुद्धि होती है और पर्यावरण शुद्ध होता है हानिकारक गैसों का नाश होता है और मन मस्तिष्क को शक्ति मिलती है। 48 जोड़े यजमानों ने यज्ञ में भाग लिया और अग्नि देव को आहुतियां भेंट कीं। हवन यज्ञ के दौरान श्रद्धालु नर नारी यज्ञशाला की परिक्रमा करते हुए माहौल को पावन एवं भक्ति मय बना रहे हैं।

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