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छह माह में तेलों की कीमत में चालीस से पचास रुपये इजाफा

कोरोना काल में कामकाज चौपट होने से वैसे ही जनता परेशान है ऊपर से महंगे तेल से महंगाई की रेल में जनता पीस रही है। डीजल के दामों में आग लगने से सरसों तेल रिफाइंड तेल और वनस्पति घी के दामों में बड़ा उछाल आया है। और तो और चायपत्ती ने भी उबाल मारना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 06:00 AM (IST)
छह माह में तेलों की कीमत में चालीस से पचास रुपये इजाफा
छह माह में तेलों की कीमत में चालीस से पचास रुपये इजाफा

हजारी लाल, होशियारपुर

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कोरोना काल में कामकाज चौपट होने से वैसे ही जनता परेशान है, ऊपर से महंगे तेल से महंगाई की रेल में जनता पीस रही है। डीजल के दामों में आग लगने से सरसों तेल, रिफाइंड तेल और वनस्पति घी के दामों में बड़ा उछाल आया है। और तो और चायपत्ती ने भी उबाल मारना शुरू कर दिया है। इससे जनता बेहाल होने लगी है। छह माह की अवधि में तेलों की कीमत में चालीस से पचास रुपये इजाफा हुआ है। तेल की कीमतें बढ़ने से बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थ भी महंगे हो गए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक सरसों का तेल छह माह पहले 90 रुपये से लेकर 100 रुपये लीटर में मिलता था। वर्तमान समय में 140 से 145 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इसी तरह रिफाइंड तेल 90 रुपये प्रति लीटर बिकता था, लेकिन अब यह 140 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। तेल ने जब जनता का तेल निकालना शुरू किया तो वनस्पति घी जेब झुलसाने में पीछे न रहा। 90 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला वनस्पति घी अब 135 से लेकर 140 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। गृहणियों सविता, गुरप्रीत कौर, हरप्रीत कौर और गुरशरण कौर ने बताया कि तेल ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। तेल महंगा होने से वह तड़का लगाने में कंजूसी करने लगी हैं। खाद्य पदार्थ, छह माह पहले रेट और अब

सरसों का तेल, 90 से 100, 140 से 145 रुपये प्रति लीटर

रिफाइंड तेल, 90 रुपये, 140 रुपये प्रति लीटर

वनस्पति घी, 90 रुपये, 135 से लेकर 140 रुपये प्रति लीटर समोसा भी हुआ महंगा

तेल की बढ़ी कीमतों से समोसा भी महंगा हो गया है। महंगे तेल का हवाला देते हुए दुकानदारों ने समोसे का रेट दो रुपये बढ़ा दिया है। जो दुकानदार पहले एक समोसा दस रुपये में बेचते थे, अब वह बारह रुपये ले रहे हैं। यहीं नहीं, तेल की बढ़ी कीमतों से फास्टफूड भी महंगे हुए हैं। 35 रुपये तक महंगी हो गई चायपत्ती

तेल की कीमतों में उछाल आया तो चायपत्ती से भी नहीं रहा गया। विभिन्न कंपनियों की चायपत्ती पहले 250 ग्राम 90 रुपये तक मिलती थी, लेकिन अब कीमत 125 रुपये तक पहुंच गई है। इससे जनता की जेब पर बुरा असर यह पड़ रहा है। वहीं कुछ दुकानदारों ने चाय के एक कप का रेट दस से बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया है। ट्रांसपोर्ट महंगा होने से दामों में वृद्धि : भाटिया

भाटिया जनरल स्टोर के मालिक रविदर भाटिया के मुताबिक डीजल के दामों में वृद्धि होने से ट्रांसपोर्ट महंगा हुआ है। इस वजह से दालों के रेटों में भी इजाफा हुआ था। मगर, अब तेल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। निश्चित तौर पर जब तेल की कीमतों में वृद्धि होगी तो बाजार में बिकने वाली खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी होगी।


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