शहर में छह जगह पुलिस की मिलीभगत से चल रहा अवैध लॉटरी के कारोबार का खेल
अवैध लॉटरी का कारोबार सर्दी के मौसम में फिर गर्म हो गया है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : अवैध लॉटरी का कारोबार सर्दी के मौसम में फिर गर्म हो गया है। लंबे समय से बंद पड़ा अवैध लॉटरी का गोरखधंधा सियासी आशीर्वाद मिलते ही पुलिस ने फिर से शुरू करवा दिया है। लॉटरी का सारा काम सेटिग से चल रहा है। अवैध लाटरी का कारोबार खुलने से लोगों की जेब पर डाका डालने की कवायद शुरू हो चुकी है। शहर में लगभग छह जगह पर अवैध लॉटरी का कारोबार चल रहा है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से एक पावरफुल नेता लॉटरी के अवैध कारोबार से नाराज चल रहे थे। इसलिए उन्होंने अवैध लॉटरी की दुकानों पर ताले जड़वा दिए थे। अब उनकी नाराजगी दूर हो गई है। इस वजह से उन्होंने पुलिस प्रशासन को लॉटरी का स्टाल खोलने के लिए हां कर दी। सियासी आशीर्वाद मिलते ही पुलिस ने भी बहती गंगा में हाथ धोने का काम शुरू कर दिया।
अवैध लॉटरी से सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है। अवैध लॉटरी सीधे तौर पर सरकार की कमाई पर अंकुश है। जहां लाइसेंस धारकों का हरेक टिकट की बिक्री पर सीधे तौर पर सरकार के खाते में टैक्स चला जाता है, वहीं अवैध लॉटरी वाले सरकार की इस कमाई पर कट लगा रहे हैं।
लोग रातोंरात अमीर बनने के सब्जबाग देखकर इनका शिकार हो रहे हैं। यह सारा खेल थाना मॉडल टाउन पुलिस की नाक तले हो रहा है। बस स्टैंड के पास लक्ष्मी मार्केट में सुबह से लेकर रात तक यहां पर कॉपी और पेन के सहारे लोगों को मूर्ख बनाने का हथकंडा अपनाया जाता है। पुलिस के साथ अवैध लॉटरी के धंधे में जुटे लोगों की सेटिग होती है। खाकी इनसे अवैध लॉटरी का कारोबार करने के बदले में बाकायदा अपना महीना लेती है, इसलिए इन पर हाथ नहीं डाला जाता।
वैध लॉटरी के लिए ऑनलाइन होती है प्रक्रिया
वैध लॉटरी का सारा तामझाम कंप्यूटर से ऑनलाइन होता है। टिकटों की बिक्री पर बाकायदा तौर टैक्स अदा करना पड़ता है। लाइसेंस धारी लॉटरी विक्रेताओं की संख्या बहुत कम है। वहीं इस धंधे में अवैध लॉटरी का कारोबार बहुत अधिक है और पुलिस के साथ सेटिग करके बस स्टैंड के आसपास इनकी पूरी पैठ है। पुरहीरां, अस्लामाबाद, सब्जी मंडी में भी अवैध लॉटरी का कारोबार चल रहा है। इन्हें लाटरी की दुनिया में खाइवाल कहा जाता है। यह खाइवाल कॉपी और पेन लेकर दुकान में बैठ जाते हैं। यह सिर्फ नंबर को कॉपी पर लिख लेते हैं। इस हथकंडे से वह दिन भर मोटी कमाई करते हैं। इनसे होने वाली कमाई से टैक्स के रूप में सरकार कुछ नहीं जाता। यह मनमर्जी से नंबर निकालते हैं। इनके इस हथकंडे से लाइसेंस धारी लॉटरी विक्रेता परेशान हैं, क्योंकि वह ऑनलाइन लॉटरी बेचने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी करते हैं। टैक्स भी अदा करते हैं। लक्ष्मी मार्केट के अलावा रहीमपुर इलाके में भी अवैध लॉटरी का बोलबाला है। सरकार को हर साल लग रहा करोड़ों का चूना
नाम न छापने की शर्त पर लॉटरी विक्रेता ने बताया कि जहां यह अवैध धंधा करने वाले लाइसेंस धारकों पर भारी है। दूसरी तरफ सरकार को भी इनके द्वारा हर साल करोड़ों का चूना लगा दिया जाता है, क्योंकि ऑनलाइन लाटरी में सरकार को सीधे तौर पर टैक्स जाता है। अवैध धंधा सक्रिय होने से सरकार के सीधे तौर पर एकत्रित होने वाले टैक्स पर भी कैंची चल रही है। पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कई बार इस मामले पर पुलिस को सूचना दी जाती है, परंतु पुलिस इस मामले में पहले तो कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं होती यदि होती भी है तो वह केवल खानापूर्ति। कोई दुकान नहीं खुली है: डीएसपी
डीएसपी सिटी जगदीश अत्री ने कहा कि लॉटरी की दुकानें खुली ही नहीं हैं। बाद में वह मान गए कि दुकानें खुली होंगी, लेकिन यह बात मानने को तैयार नहीं हुए कि अवैध लॉटरी का काम होता है।