आक्सीजन का महत्व समझ में आया है तो लगाएं पौधे
पूरे ब्रह्मांड में एकमात्र ग्रह धरती पर जीवन जीव जंतु है। पानी और प्राणवायु पेड़ों से ही मिलती है वह भी निश्शुल्क परंतु मनुष्य ने कभी भी पेड़ पौधों के महत्व को गंभीरता से नहीं समझा।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : पूरे ब्रह्मांड में एकमात्र ग्रह धरती पर जीवन, जीव जंतु है। पानी और प्राणवायु पेड़ों से ही मिलती है वह भी निश्शुल्क, परंतु मनुष्य ने कभी भी पेड़ पौधों के महत्व को गंभीरता से नहीं समझा। पूर्व चेयरमैन कंवर रत्न चंद ने दैनिक जागरण के साथ चर्चा करते हुए कहा, दिल्ली हाई कोर्ट ने महामारी की स्थिति में क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि जिन उद्योगों को आक्सीजन सप्लाई हो रही है, उसे तुरंत रोका जाए और सारी आक्सीजन बीमार लोगों को दी जाए, केवल मेडिकल इंडस्ट्री को ही आक्सीजन दी जाए और मरीजों तक पहुंचाने के लिए एयर लिफ्ट तक करने के कड़े निर्देश दिए हैं। कोर्ट का कहना है कि हरेक जीवन उपयोगी व कीमती है इसलिए हर प्रकार से जीवन रक्षा की जानी चाहिए। जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं और उनकी जिदगी बचाने के लिए आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। अव्यवस्था का आलम बन रहा है। तीन सौ रुपये में मिलने वाला सिलेंडर पांच गुना महंगा हो गया। अब तो आक्सीजन के सिलेंडरों की ब्लैक होने के साथ साथ इसकी लूट की खबरें भी आने लगी हैं। एक प्रदेश के मंत्री ने तो आक्सीजन सिलेंडरों से भरा ट्रक लूटने का आरोप तक लगा दिया। आक्सीजन मिलने के कारण मरीज मर रहे हैं, एक ही अस्पताल में चौबीस लोगों की मौत हो गई जो चिताजनक है।
प्रकृति की आक्सीजन मुफ्त
महावीर सिंह वन विभाग के कंजरवेटर ने कहा, प्रकृति हमें जो प्राणवायु (आक्सीजन) देती है वह मुफ्त है और यह हमें पेड़ों से मिलती है। आज आक्सीजन का महत्व समझ में आ रहा है, तो अंधाधुंध पेड़ों की कटाई व वनों के विनाश के प्रति गंभीर कब होंगे। धरती दिवस पर यह समझने की बात है कि पेड़ों का कटान करके हम अपना ही अहित कर रहे हैं, जो सृष्टि के लिए हानिकारक है।ं पीपल जैसे पेड़ चौबीस घंटे आक्सीजन देते हैं और हानिकारक गैसों को अवशोषित करके हमारा हित साधन करते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं एक व्यक्ति जितनी आक्सीजन सारे जीवन में लेता है उतनी छोटे बड़े 60 पेड़ ही हमें देते हैं इसलिए पीपल, आम, बरगद, आमला को देवता का दर्जा हासिल है।
अंधाधुंध वनों के कटान से बिगड़ी स्थिति
बिगड़ते हालातों का मूल कारण वनों का बेतहाशा और अवैज्ञानिक तरीके से कटान होना है। ऐसा करके हम पैरों पर खुद ही कुलहाड़ी मार रहे हैं। धरती दिवस के अवसर पर यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत हों और हरेक व्यक्ति जन्मदिन के शुभ अवसर पर एक पौधा लगाए। सिर्फ पौधारोपण ही काफी नहीं है क्योंकि लोग पौधे तो हर साल लगाते हैं पर केवल फोटो खिचवाने व वाहवाही लूटने के लिए जबकि पौधे जो लगाए जाते हैं उनमें से कितने बचे रहते हैं, के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।