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खाद के मूल्यों में वृद्धि से किसान की आमदन कैसे बढ़ेगी : तरसेम

एक तरफ केंद्र सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात करती है तो दूसरी ओर डीएपी खाद के मूल्यों में वृद्धि कर रही है। सरकार की गलत नीतियों के चलते आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसानों की परेशानियां और बढ़ने लगी हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 06:06 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 04:44 AM (IST)
खाद के मूल्यों में वृद्धि से किसान की आमदन कैसे बढ़ेगी : तरसेम
खाद के मूल्यों में वृद्धि से किसान की आमदन कैसे बढ़ेगी : तरसेम

संवाद सहयोगी, मुकेरियां : एक तरफ केंद्र सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात करती है, तो दूसरी ओर, डीएपी खाद के मूल्यों में वृद्धि कर रही है। सरकार की गलत नीतियों के चलते आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसानों की परेशानियां और बढ़ने लगी हैं। ऐसे में यह बात समझ नहीं आती कि किसानों की आय दोगनी कैसे होगी। कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष तरसेम मिन्हास ने कहा कि केंद्र सरकार के चुनावी मेनिफेस्टो में किसानों की आय दोगनी करने का वादा था। मगर, जिस प्रकार खेती के लिए खाद, दवाइयां व अन्य सामान के भाव आसमान छू रहे है उससे किसानों की आमदन बढ़ती नजर नहीं आ रही, बल्कि किसानी ही समाप्त होने की कगार पर है। पिछले समय डीएपी खाद करीब 1200 रुपये प्रति बैग थी जो अब बढ़कर 1700 रुपये प्रति बैग हो चुकी है। अभी और बढ़ने की संभावना है जबकि गेहूं का मूल्य 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था। एक एकड़ खेत से औसतन 15 से 16 क्विंटल झाड़ निकलता है जिससे किसानों को लगभग 800 रुपये का लाभ हुआ। वहीं केवल डीएपी खाद जो एक एकड़ में एक बैग प्रयोग होती है उसके मूल्य में 500 से अधिक प्रति एकड़ अधिक खर्च पड़ा। इसके बाद डीजल के भाव पिछले साल के मुकाबले 20 रुपये के करीब प्रति लीटर बढ़े। इसका बोझ भी अलग से पड़ा है। केंद्र सरकार के कार्यकाल में किसानों की आमदन कम होती ही नजर आ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से डीएपी के बढ़ाए मूल्यों को कम कर किसानों को राहत देने की मांग की।

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