नई बाइक पर माथा टेकने जा रहे युवक की हादसे में मौत, दोस्त की टांगें टूटीं
होशियारपुर नए मोटरसाइकिल पर माथा टेकने जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई जबकि उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : नए मोटरसाइकिल पर माथा टेकने जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई, जबकि उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक की पहचान मुकेश कुमार (19) पुत्र अमर सिंह निवासी अजीत नगर अस्लामाबाद के रूप में हुई है, जबकि घायल की पहचान धीरज (18) पुत्र संजय कुमार निवासी अजीत नगर के रूप में हुई है। हादसा सुबह 11:30 बजे के करीब हुआ है। जानकारी के अनुसार मुकेश सुतैहरी रोड पर जैन सिल्क स्टोर पर बतौर सेल्समैन के तौर पर काम कर रहा था। लगभग 10 दिन पहले किश्तों पर मोटरसाइकिल लिया था और आज अपने दोस्त धीरज के साथ आशा माता मंगोवाल जा रहा था। इस दौरान चौहाल के पास हिमाचल की तरफ से आ रहे एक अन्य मोटरसाइकिल ने उनके मोटरसाइकिल में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इस हादसे में मुकेश का मोटरसाइकिल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और मुकेश गंभीर रूप से घायल हो गया व इस हादसे में धीरज की दोनों टांगें टूट गई हैं।
राहगीरों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी और घटना की सूचना मिलते ही थाना सदर की पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान लोगों ने मुकेश व धीरज को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद मुकेश की हालत को देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया। जिसने एक प्राइवेट अस्पताल में दम तोड़ दिया। दोनों मोटरसाइकिल कब्जे में लिए
मामले की जांच करते हुए एएसआइ दिलबाग सिंह ने बताया कि उन्होंने दोनों मोटरसाइकिल कब्जे में लिए हैं और मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि हिमाचल की तरफ से आ रहा मोटरसाइकिल चालक भी इस हादसे में घायल हो गया है और उसके साथी उसे किसी अन्य अस्पताल में लेकर गए हैं। मोटरसाइकिल चालक कौन था और उसे कहां पर दाखिल करवाया गया है इसकी पड़ताल की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में धीरज के बयान के आधार पर अज्ञात मामला दर्ज कर लिया है।
घर की जिम्मेदारी संभालने लगा था मुकेश : अमर सिंह
अस्पताल में बेटे की मौत की खबर के बाद रोते हुए अमर सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ पिछले 15 साल से अस्लामाबाद में रह रहा है और सब्जी विक्रेता है। उसने बताया कि मेरे चार बेटे हैं। बड़ी मुश्किल से उसने मेहनत करके अपने बच्चों को पाला है। अब मुकेश उसका सहारा बनकर घर की जिम्मेदारी संभालने लग गया था। वह अब एक कपड़े के दुकान में काम कर था व परिवार की स्थिति धीरे-धीरे ठीक हो रही थी। आज मेरे कंधे टूट गए।