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जागरण अभियान : चाइनीज डोर के खिलाफ अखिल भारतीय राम राज्य परिषद साधेगी जनसंपर्क

चाइनीज डोर के खिलाफ दैनिक जागरण के छेड़े अभियान में समाजसेवी संस्थाएं जुड़ रही हैं। संस्थाएं इस संबंध में जहां अभियान को सराह रही हैं वहीं इसमें सहयोग देने के लिए आगे भी आ रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 06:15 AM (IST)
जागरण अभियान : चाइनीज डोर के खिलाफ अखिल भारतीय राम राज्य परिषद साधेगी जनसंपर्क
जागरण अभियान : चाइनीज डोर के खिलाफ अखिल भारतीय राम राज्य परिषद साधेगी जनसंपर्क

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : चाइनीज डोर के खिलाफ दैनिक जागरण के छेड़े अभियान में समाजसेवी संस्थाएं जुड़ रही हैं। संस्थाएं इस संबंध में जहां अभियान को सराह रही हैं, वहीं इसमें सहयोग देने के लिए आगे भी आ रही हैं। नई सोच, भारतीय विकास परिषद, सरबत दा भला व होशियारपुर वेलफेयर सोसायटी के बाद अब अखिल भारतीय राम राज्य परिषद ने भी अभियान में कदम बढ़ाते हुए लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया है। इसी मुहिम के चलते अखिल भारतीय राम राज्य परिषद की एक विशेष मीटिग अध्यक्ष एडवोकेट गौरव गर्ग की अध्यक्षता में हुई। बैठक के दौरान परिषद के सदस्य नवीन गुप्ता, संजीव कुमार व निपुण सर्मा सहित भारी संख्या में सदस्य मौजूद हुए। बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष एडवोकेट गौरव गर्ग ने कहा कि दैनिक जागरण का ड्रैगन डोर के खिलाफ छेड़ा अभियान सराहनीय है। यह जन कल्याण के लिए नई पहल है। चाइनीज डोर केवल बच्चों के लिए नहीं, अन्य लोगों के लिए भी घातक है जो इसकी चपेट में आने से घायल हो जाते हैं। वहीं, हर साल सैकड़ों पक्षी केवल इसी ड्रैगन डोर की चपेट में आकर दम तोड़ जाते हैं। उन बेजुबानों के लिए यह डोर काल से कम नहीं है। बता दें कि पिछले कुछ साल में चाइनीज डोर से पतंगबाजी का क्रेज तेजी से बढ़ा है और कई बच्चे इसकी चपेट में आने से घायल हो चुके हैं। यहां तक कि राहगीरों के लिए भी यह खतरनाक साबित होती है।

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लोगों को जागरूक करने का संकल्प

अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के समूह सदस्यों ने संकल्प लिया कि वह इस डोर के घातक परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। इसके लिए राम राज्य परिषद जनसंपर्क अभियान चलाएगी जिसमें टीमों का गठन कर मोहल्लों में मीटिग की जाएगी ताकि यह संदेश हर घर पहुंच सके। खास तौर पर बच्चों को इसके घातक परिणामों के खिलाफ जागरुक किया जाएगा। अकसर देखने में आया है कि जितने भी इस डोर के कारण हादसे हुए उसमें ज्यादातर बच्चे ही चपेट में आए थे, क्योंकि सीधे तौर पर बच्चे ही पतंगबाजी में इसका प्रयोग करते हैं। इस डोर के खिलाफ अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरूरत है कि वह बच्चों को इस घातक वस्तु से दूर रखें।

पाबंदी के बावजूद बिक रही डोर

प्रशासन के लाख दावों के बावजूद शहर में चाइनीज डोर लगातार मार्केट में बिक रही है। पाबंदी की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। चंद मुनाफे के लिए दुकानदार हुकमों की तामील नहीं कर रहे हैं। कुछ दुकानदार डीसी के आदेशों की परवाह न करते हुए चाइनीज डोर को ही बेचने में दिलचस्पी दिखाते हैं। बता दें कि चाइनीज डोर का एक गट्टू 500 से 600 रुपये तक बेचा जा रहा है। इसमें दुकानदार को एक गट्टू के पीछे 200 से 250 रुपये का मुनाफा होता है। यह टूटती भी नहीं है और देसी डोर के मुकाबले में सस्ती पड़ती है। सूत्रों के मुताबिक कमालपुर, गौरां गेट, जगतपुरा, गोशाला बाजार, कनक मंडी, भंगी चोअ के इलाके, नई आबादी, कमेटी बाजार में बहुत सी दुकानों में चाइनीज डोर का भंडार है।


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