होशिया धरने का उलटा असर, यूरिया की कमी से किसान परेशान, ब्लैक में भी लेने के लिए मजबूर
किसानों के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ धरने से केंद्र सरकार ने माल गाड़ियों बंद की हुई हैं। हालांकि किसान पटरी से उठ गए हैं। लेकिन प्रदर्शन करना कहीं न कहीं किसानों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।
नीरज शर्मा, होशियारपुर
किसानों के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ धरने से केंद्र सरकार ने माल गाड़ियों बंद की हुई हैं। हालांकि, किसान पटरी से उठ गए हैं। लेकिन, प्रदर्शन करना कहीं न कहीं किसानों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। क्योंकि, माल गाड़ियों की आवाजाही पर लगी रोक के कारण विभिन्न जरूरी वस्तुओं की सप्लाई प्रभावित हो रही है। इसी बीच फसलों के लिए सबसे अहम खाद यूरिया की सप्लाई नहीं हो रही है। अब किसान यूरिया के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। यदि गेहूं की बिजाई के सीजन में यूरिया नहीं मिला तो झाड़ पर सीधा फर्क पड़ेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि किसानों का धरना अब उनके लिए ही मुसीबत बन गया है। हालात यह हैं कि जो सड़क मार्ग से कुछ यूरिया सप्लाई हो रहा वह डिमांड से कहीं कम है और डिमांड बढ़ने के कारण अंदर खाते ब्लैक हो रहा है। कैश पैसे लिए जा रहे हैं और बोलने वाला कोई नहीं है। चाहे सरकार ने सिस्टम सेट किया है कि यूरिया आधार कार्ड पर ही दिया जाए परंतु तय रेट से ऊपर लिए जाने वाले पैसे दुकानदार की सीधी जेबों में गिर रहे हैं। किसान अपने ही प्रदर्शनों के बुन्ने हुए जाल में फंस चुका है।
265 रुपये की बोरी मिल रही 340 से 350 में
यूरिया की सप्लाई प्रभावित होने से जहां किसान परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ दुकानदारों की चांदी है। जो बोरी 265 रुपये की है वह इन दिनों 340 से 350 रुपये में मिल रही है। डिमांड अधिक है और सप्लाई कम है, जिसका सीधा फायदा दुकानदार उठा रहे हैं। वह मर्जी से पैसे ले रहे हैं और किसान जरूरत के आगे मजबूर हैं। वैसे तो किसानों को दुकानदार सीधा ही मना कर रहे हैं कि यूरिया समाप्त है।
मालगाड़ियां बंद होने से सप्लाई प्रभावित
माल गाड़ियां बंद होने के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित की गई फैक्ट्रियों से यूरिया नहीं पहुंच पा रहा और केवल एक ही फैक्ट्री एनएफएल नंगल से सप्लाई हो रहा है। वह भी वाया रोड गढ़शंकर ब्लाक तक। क्योंकि, यहां पहले ही कंपनी की तरफ से प्वाइंट स्थापित किया हुआ है। इससे आगे व्यापारी खुद यूरिया ले जाते हैं। इससे पहले मालगाड़ियों के जरिए इलाके का दूसरा प्वाइंट जालंधर व होशियारपुर तय था और वहीं से यूरिया अलग-अलग ब्लाकों तक सप्लाई कर दिया जाता था। डिमांड के हिसाब से समय पर यूरिया पहुंच जाता था। यूरिया न मिलने का सबसे बड़ा कारण यही हैं कि जितनी मात्रा में मालगाड़ियों में यूरिया सप्लाई हो सकता है उतनी में सड़क मार्ग से लाना मुश्किल है। यदि करना भी हो तो काफी समय लगेगा। दूसरी वजह यह है कि इलाके की सारी सप्लाई अब केवल नंगल से हो रही है और नंगल प्लांट की जितनी क्षमता है उससे अधिक इलाके में डिमांड है।
महंगा दाम भी चुका देंगे, पर मिले तो सही
पुरहीरां के रहने वाले किसान गगनदीप सिंह गेहूं की बिजाई निपटा कर मंडी में पहुंचा। वहां उसे यूरिया नहीं मिला। अब वह डाया लेकर जा रहा है। यूरिया के लिए दुकानदार ने दो से तीन दिन का समय मांगा है। इसके बाद ही कुछ यूरिया मिल पाएगा वह भी लिमिट में। गगनदीप ने बताया कि कम से कम 10 से 15 बोरे यूरिया चाहिए पर उसे पता नहीं है कि यह मिल भी पाएगा या नहीं। महंगे दामों पर ही मिल जाए पर वह भी नहीं मिल रहा। हर बार बैरंग लौटना पड़ता है
मंडी में एक खाद की दुकान से बैरंग लौट रहे इकबाल सिंह ने बताया कि वह बड़ी आस से मंडी में आया था कि उसे यूरिया मिल जाएगा। दुकानदार ने भी उसे आज का समय दिया था पर यह कहकर मोड़ दिया कि सप्लाई पीछे से ही नहीं आ रही। इस बार बहुत परेशानी हो रही है। पूछे जाने पर कि सप्लाई क्यों नहीं हो रही तो उन्होंने बताया कि माल गाड़ियां बंद हैं इसलिए। परेशानी का हल नजर नहीं आ रहा
फतेहगढ़ नियाड़ा के रहने वाले किसान प्रेम सिंह ने बताया कि यूरिया न मिलना बहुत बड़ी परेशानी है। इससे फसल की पैदावार पर सीधा असर होगा पर इसका कोई हल नजर नहीं आ रहा। जब तक मालगाड़ियां नहीं चलती तब तक हालात ऐसे ही रहेंगे। दुकानदार बोले, अपने स्तर पर गढ़शंकर से लाने को हैं मजबूर
दुकानदार खुद सप्लाई कम होने के कारण परेशान हैं। क्योंकि, उन्हें जो यूरिया अपने नजदीकी प्वाइंट से पहले मिल जाता था उसके लिए अब दूर तक जाना पड़ रहा है। दुकानदार अमन कुमार, गौरव कुमार व होशियारपुर पेस्टीसाइट एंव सीड एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल सिहं ने बताया कि पहले जब मालगाडियां चल रही थी तो यूरिया होशियारपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंच जाता था और वह वहीं से सप्लाई लेते थे। परंतु अब वाया रोड प्वाइंट गढ़शंकर ही तय है और उन्हें यूरिया के लिए वहां जाना पड़ता है। कई बार तो ऐसा हो चुका है कि वह जब गढ़शंकर यूरिया लेने के लिए गए भी पर मिला ही नहीं। सरकार को चाहिए कि यूरिया की सप्लाई होशियारपुर तक की जाए। इससे होशियारपुर के अलावा हरियाना, टांडा, गढ़दीवाला, दसूहा, मुकेरियां, तलवाड़ा व कंडी के दूरदराज के दुकानदारों को फायदा मिलेगा।