वन रेंज अफसर विजय कुमार की मौत पर मंत्री ने दिया अटपटा जवाब
वन रेंज अफसर विजय कुमार की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत के मामले में जहां पुलिस अभी तक जांच होने का राग अलाप रही हैं, वहीं आज कैबिनेट मंत्री जंगलात विभाग साधू ¨सह धर्मसोत ने उन्होंने ऑन ड्यूटी पर हादसा हुआ, जिस कारण उसकी मौत हो गई थी।
संवाद सहयोगी, होशियारपुर : वन रेंज अफसर विजय कुमार की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत के मामले में जहां पुलिस अभी तक जांच होने का राग अलाप रही हैं, वहीं आज कैबिनेट मंत्री जंगलात विभाग साधू ¨सह धर्मसोत ने उन्होंने ऑन ड्यूटी पर हादसा हुआ, जिस कारण उसकी मौत हो गई थी। परिवार के साथ हमें संवेदना है और परिवार को पूरा सहयोग दिया जाएगा। मंत्री के इस बेतुके बयान से साफ होता है मौजूदा कांग्रेस सरकार अपने किसी अधिकारी व मुलाजिम के लिए कितने गंभीर हैं। उनके इस ब्यान जहां इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया वहीं मौके पर मौजूद परिवार वालों की आंखें भी नम कर दीं। हालांकि पत्रकारवार्ता के दौरान पूछे सवाल के इस जवाब के बाद मौके पर मौजूद एसएसपी होशियारपुर जे इलनचेलियन ने मामले की नजाकत को समझते हुए यह कहा कि अभी इस मामले की जांच चल रही है व पुलिस जल्दी इस मामले को सुलझा कर सच्चाई सबके सामने लाएगी। गौरतलब है कि वन रेंज अफसर विजय कुमार ड्यटी के दौरान 5 अगस्त को खड़कां से पास जंगल से संदिग्ध हालत में गायब हो गए थे और पुलिस ने इलाके में काफी सर्च आप्रेशन किए थे जिसमें उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया था और 9 अगस्त को जहां पर पुलिस ने सर्च आप्रेशन चलाया था वहीं से विजय कुमार का शव मिला था। शव पास के एक दवाई बोतल भी मिली थी। संदिग्ध हालतों में मिले शव ने कई सवाल पैदा कर दिए थे।
यूनियन ने किया था अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन, लगाया था हत्या का आरोप
शव मिलने के बाद विजय कुमार के पक्ष में सारे पंजाब का वन विभाग खड़ा हो गया था। वन रेंज अफसर और डिप्टी वन रेंज अफसर पंजाब की तरफ से सांझे रुप में वन चेतना पार्क बस्सी जाना में एक विशेष बैठक की थी। जिसमें पंजाब नान गजटिड यूनियन और वन रेंज अफसर डिप्टी रेंज अफसर यूनियन की तरफ से सीधे रुप में डीएफओ नरेश महाजन पर आरोप लगाया गया है कि पिछले कुछ दिनों से वन रेंज अफसर विजय कुमार को मानसिक रुप से परेशान कर रहा था। विजय कुमार ने उक्त बात अपने परिवार के साथ भी की थी। 5 अगस्त को वह खड़कां के जंगल में बाद दोपहर से लापता हो गया था। इस दौरान यूनियन ने शव मिलने पर विजय कुमार की हत्या का अंदेशा जाहिर भी किया था। इस अवसर पर रीत महिन्द्र पाल ¨सह,बलविन्द्र कुमार सैनी, परमिन्द्र ¨सह, सतवंत ¨सह, बलवीर ¨सह ढिल्लो, दलजीत कमार, बलदेव ¨सह, हरदेव ¨सह, अवतार ¨सह, किरनदीप ¨सह के साथ पंजाब प्रधान इकबाल ¨सह धूरी, बोबिनद्र ¨सह, रणधीर ¨सह उप्पल, हरविन्द्र ¨सह, रणधीर ¨सह रंधावा डीएफओ अंजन सिह के साथ अन्य लोग शामिल थे। हत्या की आंशका के बाद एसएसपी ने बिठाई थी जांच
वन रेंज अफसर विजय कुमार की हत्या की आशंका जताई जाने के बाद एसएसपी जे. इलनचेलियन ने तह तक जाने के लिए जांच बिठा कर डीएसपी सिटी अनिल कोहली को दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए कहा था जो अभी तक अधर में लटकी हुई है। जहां पर चला था सर्च अभियान नहीं से मिला था शव
उल्लेखनीय है की कि पांच अगस्त को वन रेंज अफसर विजय कुमार खड़कां के जंगल में वन मंत्री साधु ¨सह के आगमन की तैयारियों का जायजा लेने गए थे। वह चौकीदार को चाय बनाने के लिए जंगल की तरफ गए, लेकिन वापस नहीं लौटे। जबकि उनकी कार वहीं पर खड़ी थी। जब यह स्पष्ट हो गया था कि विजय कुमार लापता हो गए हैं तो वन विभाग और सदर पुलिस ने उन्हें ढूंढना शुरु किया था। विजय की तलाश में जंगल का चप्पा-चप्पा छान मारा था, लेकिन उनका कहीं पर कोई सुराग नहीं लगा। घटनाक्रम में नया मोड़ आया था
मगर, सारे घटनाक्रम में उस समय नया मोड़ आ गया था, जब विजय कुमार का शव 9 अगस्त को रिसर्च सेंटर से चार सौ की दूरी पर खुले मैदान में मिला। जहां पर विजय कुमार शव मिला था, उस जगह पर पुलिस की टीम और वन विभाग कर्मियों ने कई बार सर्च किया था। यहीं पर सवाल खड़े हो जाते हैं कि जब सर्च आपरेशन के दौरान वहां पर विजय कुमार का शव नहीं मिला था, तो पांच दिन शव वहां पर कैसे मिला। यही अपने आप में दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली होने का इशारा करता है।