इतिहास का काला दिन कभी नहीं भुलाया जा सकता : सूद
भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुरेश भाटिया बिट्टू की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद विशेष तौर पर शामिल हुए।
जागरण टीम, होशियारपुर : भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुरेश भाटिया बिट्टू की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद विशेष तौर पर शामिल हुए। इस दौरान काला दिवस मनाया गया। सूद ने कहा कि इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी नामक तानाशाही कानून थोप कर लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। देश की महिलाओं, देशभक्तों को उठाकर जेल में बंद कर दिया था। सरकार के विरुद्ध कोई भी आवाज उठाता तो उसे जेल में बंद कर दिया जाता। जनसंघ, आरएसएस एवं कई राजनीतिक दलों के नेता नजरबंद कर दिए गए। यह दिन आने वाली पीढ़ी कभी न भूले इसलिए इसे हर साल काला दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिला महामंत्री मीनू सेठी सुरेश भाटिया बिट्टू, विजय सूद, डा. दिलबाग राय ने कहा, इस दिन को इसलिए भी मानना जरूरी है ताकि आने वाले समय में कोई भी राजनीतिक दल ऐसा तानाशाह रवैया न अपना सके। इस मौके डा. दिलबाग सिंह बागी, भारत भूषण वर्मा, कुलवंत कौर, अश्वनी गैंद, सुरिदर पाल भट्टी, नरिदर कौर, नीति तलवाड़, अनिल हंस, चिटू हंस, राजा सैनी, अश्वनी छोटा, सोशल मीडिया प्रभारी यशपाल शर्मा, बिदू सूद, त्रिशला शर्मा, सुरिदर कौर, शरद सूद, मनोज शर्मा, संतोष कुमारी वशिष्ट उपस्थित रहे। इसी तरह मुकेरियां में भाजपा के हलका इंचार्ज जंगी लाल महाजन ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में जयप्रकाश व बाकी पार्टियों के दिग्गज नेता जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी के अतिरिक्त चंद्रशेखर ने इंदिरा गांधी के खिलाफ मोर्चा खोला था। वह इंदिरा गांधी से इस्तीफा मांग रहे थे। इसे डरी हुई इंदिरा ने इमरजेंसी लगा दी थी। इसके कारण हजारों ही भाजपा कार्यकर्ताओं को जेल में जाना पड़ा। इस दौरान जेल काटने वाले या उनके पारिवारिक सदस्यों को सम्मानित किया गया।