कोरोना योद्धा के रूप में उभरे स्वास्थ्य कर्मचारी
होशियारपुर कोविड 19 के खिलाफ जंग में स्वास्थ्य विभाग ने न सिर्फ कोरोना योद्धा की भूमिका निभाते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ी है बल्कि अन्य मरीजों को भी हर जरूरी सेवाएं मुहैया करवाई हैं।
जेएनएन, होशियारपुर: कोविड 19 के खिलाफ जंग में स्वास्थ्य विभाग ने न सिर्फ कोरोना योद्धा की भूमिका निभाते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ी है, बल्कि अन्य मरीजों को भी हर जरूरी सेवाएं मुहैया करवाई हैं। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के कारण जिले के हजारों घरों में किलकारियां गूंजी हैं। अप्रैल से लेकर 15 जुलाई तक 3979 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी की गई है और अब यह आंकड़ा चार हजार से ज्यादा पहुंच चुका है। डीसी अपनीत रियात ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस नाजुक दौर में अपनी व अपने परिवार की परवाह न किए बिना स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से पूरी मेहनत से डयूटी निभाई जा रही है, जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के अलावा विभाग की ओर से जरूरी सेवाएं भी मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि कोरोना के ज्यादातर सैंपल नेगेटिव आ रहे हैं। वहीं
सिविल सर्जन डॉ. जसवीर सिंह ने बताया कि जिले में अप्रैल माह में 1070, मई में 1138, जून में 1185 व 15 जुलाई तक 586 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी की जा चुकी है। गर्भवती महिलाओं को कोरोना से बचाने के लिए आशा वर्करों को हिदायत दी गई है कि वे संभावित डिलीवरी से कम के कम दस दिन पहले उक्त महिला का कोविड 19 टेस्ट करवाएं , ताकि जच्चा-बच्चा की सुरक्षा यकीनी बनाई जा सके। जिले में कोविड-19 का टेस्ट करने के बाद ही हर डिलीवरी की जा रही है। हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिग व टेस्ट किए जाते हैं और कोविड के मुश्किल समय के दौरान भी तय तिथी को इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं का चेकअप लगातार जारी है। इसके अलावा सिविल अस्पताल होशियारपुर में ट्रूनेट मशीन लगाई गई है, जो कि इमरजेंसी स्थिति में दो घंटे में कोविड-19 के टेस्ट की रिपोर्ट दे देती है अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं भी रहीं जारी: सिविज सर्जन सिविल सर्जन डॉ. जसवीर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते बेशक स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई थी, लेकिन बावजूद इसके गर्भवती महिलाओं के अलावा अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं भी जारी रहीं। विभाग के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों, आशा वर्करों व अन्य स्टाफ की ओर से यह यकीनी बनाया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाए। सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं सहित माताओं व नवजन्मों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए लगातार वार्ड को सैनिटाइज किया जाता है, ताकि नन्हों को इंफेक्शन का सामना न करना पड़े।