सत्कर्म से ही संवरता है मानव जीवन : राणा
मां कामाक्षी गौधाम गौशाला में चल रहे नव कुंडीय गायत्री महायज्ञ आज पूर्णाहुति के साथ ही सम्पन्न हो गया। तपोमूर्ति महंत राज गिरी जी महाराज की अध्यक्षता में और हरविन्द्र कुमार के संयोजन में आयोजित महायज्ञ में पीतांबर वस्त्र धारण किए 31 जोड़े, 6 दम्पति,
संवाद सहयोगी, दातारपुर
मां कामाक्षी गोधाम गोशाला में चल रहा नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ ही संपन्न हो गया। तपोमूर्ति महंत राज गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में और हरविन्द्र कुमार के संयोजन में आयोजित महायज्ञ में पीतांबर वस्त्र धारण किए 31 जोड़े, 6 दंपती व 8 यजमानों ने यज्ञाचार्य सुदर्शन ऐरी के दिशा-निर्देशानुसार वैदिक मंत्रों द्वारा हवन कुंड में आहुतियां दी। इस अवसर पर उद्योगपति एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनाथ ¨सह राणा विशेष रूप से उपस्थित हुए। राणा ने कहा कि यज्ञ एक श्रेष्ठ कार्य है और बिना ऐसे सत्कर्म किए जीवन संवरता नहीं है।
इससे पहले सुबह यजमानों ने यज्ञशाला मे प्रवेश किया और अग्नि देव को आहुतियां दीं। साथ ही पूरे विश्व के कल्याण की कामना करते हुए पूर्णाहुति भेंट की।
इस अवसर पर महंत राज गिरि ने श्रद्धालुओं को धर्म के मार्ग पर चलते हुए जीवन बिताने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा मनुष्य इस सृष्टि का सिरमौर प्राणी है। क्योंकि इसे ही भगवान ने बुद्धि व विवेक प्रदान किया है। जो इसे बाकी जीवों से भिन्न करता है। इसलिए हमें अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए सत्कर्म करने चाहिए, ताकि इहलोक और परलोक भी संवर जाएं। बाद में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गोपाल शर्मा, मास्टर गोपाल, रविन्द्र ¨सह, समाजसेवक हरजीत ¨सह बिहाल, अजय ठाकुर, सुभाष चन्द्र शर्मा, कृष्ण देव, रमा देवी, कैप्टन रविन्द्र शर्मा, शाम लाल उपस्थित थे।